मुम्बई। शिवसेना ने उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा है कि सरकार को चलाना मठ या पीठ चलाने जितना आसान नहीं हैं। इसमें धर्मनीति की बजाय विकास कार्यों को महत्व देना पड़ता है। शिवसेना ने कहा कि उमा भारती भी मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने के बाद जप-तप में ज्यादा समय देने लगी थीं, जिसके चलते राज्य डगमगा गया।
इस इतिहास को उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को समझना होगा। कानून का शासन यूपी में पूरी तरह से धराशायी हो चुका है। धर्मांध शक्तियों का अत्याचार बढ़ा है और पाकिस्तान के हाथ वहां पहुंच चुके हैं। लिहाजा अब यूपी के नए मुख्यमंत्री को राज्य में दोबारा से कानून व्यवस्था बहाल करनी होगी।
इसके साथ ही शिवसेना ने यह भी सवाल दागा कि भाजपा किसानों के कर्ज माफ करने के चुनावी वादे का क्या करेगी? यूपी में गरीबी है और रोजगार भी नहीं है। यहाँ के लोगों को रोजगार में 90 फीसदी प्राथमिकता की नए मुख्यमंत्री की घोषणा शिवसेना के विचारों की जीत है। यूपी जैसे राज्यों में रोजगार पैदा हुए तो मुंबई का भार हल्का होगा। योगी आदित्यनाथ के आने से राम मंदिर के निर्माण को गति मिलेगी और साथ ही हिंदुत्ववादियों को ताकत मिलेगी।