नई दिल्ली : माइनॉरिटी अफेयर्स की वज़ीर नजमा हेपतुल्ला ने जुमेरात के रोज़ शिव सेना की उस मांग जिसमें उसने मदरसों में उर्दू और अरबी पर बैन लगाने की बात कही थी को सिरे से ख़ारिज कर दिया है. हेपतुल्ला ने कहा कि शिव सेना को पता नहीं है कि उर्दू मदरसे में पढने वाले बच्चों की मातृभाषा (मादरी ज़बान) है.
उन्होंने कहा कि जब हम अंग्रेज़ी सीख सकते हैं जो कि एक अंतर्राष्ट्रीय ज़बान है तो उर्दू तो फिर हिन्दुस्तानी ज़बान ही है.
वो कहती हैं कि उन्हें गर्व है कि वो उर्दू जानती हैं.
मालूम हो कि शिव सेना जो कि NDA का एक सहयोगी है ने ये बेतुकी मांग की थी.