शीना मर्डर केस: इंद्राणी के नौकर का खुलासा, 3 दिन घर जाने से मना किया

शीना बोरा मर्डर केस में इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के पूर्व घरेलू सहायक प्रदीप वाघमारे से अभियोजन पक्ष ने पूछताछ की है. वाघमारे ने बताया कि इंद्राणी की पूर्व निजी सचिव ने उससे कुछ दिनों के लिए पीटर के आवास ‘मार्लो’ जाने से मना किया था. अभियोजन ने दावा किया कि शीना की हत्या करके उसके शव को इस दौरान इस फ्लैट में रखा गया था.

जानकारी के मुताबिक, इस मर्डर केस में प्रदीप वाघमारे चौथे गवाह हैं. उनसे विशेष न्यायाधीश जेसी जगदाले के सामने पूछताछ की गई थी. इस मामले में इंद्राणी और पीटर दोनों आरोपी हैं. वाघमारे ने अदालत को बताया कि इंद्राणी ने उससे दो तीन दिन के लिए पीटर के आवास पर नहीं जाने को कहा था. 23, 24 और 25 अप्रैल 2012 को वह मार्लो नहीं गया.

इधर, मर्डर केस में सरकारी गवाह मिखाइल बोरा ने सीबीआई को पत्र लिखकर कहा कि उसे मुख्य आरोपी अपनी मां इंद्राणी मुखर्जी से जान का खतरा है. केंद्रीय जांच एजेंसी, असम के अधिकारियों को मिखाइल बोरा की सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने का निर्देश देने की मांग करते हुए यहां निचली अदालत पहुंची. मिखाइल गुवाहाटी में रहता है.

सीबीआई के एक अधिकारी ने अदालत से कहा कि उन्हें मिखाइल से ई-मेल मिला है. मिखाइल ने उन्हें लिखा है कि उसे अपनी जान का खतरा है और यह कि उसकी बहन शीना बोरा की हत्या की आरोपी उसकी मां उसे भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकती है. असम में संबंधित अधिकारी को गवाह की जान पर खतरे के बारे में सूचित किए जाने की जरुरत है.

इस ईमेल में मिखाइल ने लिखा है कि इंद्राणी नहीं चाहती है कि उसकी मां दुर्गा रानी बोरा की वसीयत को अदालत द्वार प्रमाणित किया जाए. इसलिए वह मिखाइल को परेशान करने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रही है. इस वसीयत से मिखाइल को सारी संपत्ति मिल जाएगी और इंद्राणी को कुछ नहीं मिलेगा. इस वजह से मिखाइल बहुत डरा हुआ है.

ई-मेल में लिखा है, ‘मैं अपने घर में हमेशा अकेला रहता हूं. मेरी मदद के लिए कोई नहीं होता है. मुझे इंद्राणी मुखर्जी से अपनी जान का डर सता रहा है.’ अदालत ने सीबीआई की अर्जी पर कोई आदेश जारी नहीं किया. लेकिन उसने इंद्राणी की पूर्व सचिव काजल शर्मा की गवाही रिकार्ड करना जारी रखा. मिखाइल इंद्राणी के पति की संतान और शीना का भाई है.

बताते चलें कि इस केस में जेल की सजा काट रही इंद्राणी मुखर्जी ने भी अपनी जान का खतरा जताया था. उसने कहा था कि जेल के अंदर उसे कोई जान से मारने की कोशिश कर रहा है. उसने ड्रग ओवरडोज के लिए जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दाल या उसे दी जाने वाली दवाओं के जरिए ड्रग ओवरडोज किया जा सकता है.

सीबीआई कोर्ट में इंद्राणी ने कहा था कि बीते 7 अप्रैल को उसने शुक्रवार का व्रत रखा हुआ था. उस दिन उसने जेल में दी जाने वाली दाल से अपना व्रत तोड़ा था. इसके अलावा उसने कोई भी चीज बाहर से नहीं खाई थी. दाल पीने के बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी थी. इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

इंद्राणी 7 अप्रैल की रात दक्षिण मुंबई की भायखला जेल में बेहोशी की हालत में पाई गई थी. इसके बाद उसे जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) भूषण कुमार उपाध्याय ने इस मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए थे. इसमें ड्रग ओवरडोज का खुलासा हुआ था.