लंबे वक़्त के बाद एक बार फिर रिंग रोड के सातवें फेज़ का काम शुरू होने जा रहा है। इसके लिए झारखंड एक्सलरेटेड रोड डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (जेएआरडीसीएल) ने पीर को टेंडर जारी किया है। इसके तहत सातवें फेज़ में 6 लेन 23.575 किमी रिंग रोड की तामीर किया जाना है। इस पर 340 करोड़ रुपए लागत आएगी। तामीर काम 30 माह में पूरा कर लिया जाएगा। टेंडर की शर्तों के मुताबिक कंपनी को तामीर काम पूरा होने के 18 महीने बाद तक रोड का मेंटनेंस भी करना होगा।
2007 में शुरू हुआ था सातवें फेज़ का काम
सातवें फेज़ में रिंग रोड का काम 2007 में शुरू तो हुआ था। इसमें सिर्फ तिल्ता से कांके (नगड़ी) तक ही तामीर हुआ। फिर इसके आगे सड़क का काम तो हुआ, लेकिन इसके दरमियान पडऩेवाले पुलों की तामीर नहीं हो सका। बीच में फ्लाई ओवर की भी तामीर कराना था जो नहीं हो सका।
इन रस्तों को जोड़ेगा रिंग रोड
रिंग रोड के बनने के बाद एनएच 75 (रांची, डालटनगंज मार्ग), एनएच 33 (रांची, रामगढ़ मार्ग), एनएच 23 (रांची, गुमला मार्ग), एनएच 75 ई (रांची, चाईबासा रोड) और एनएच 33 (रांची, टाटा मार्ग) आपस में जुड़ जाएगा।
चार फेज़ का काम पूरा
रांची रिंग रोड के फेज तीन, चार, पांच और छह की तामीर काम पूरा हो चुका है। इसमें 36.192 किमी पर ट्राफिक भी शुरू हो गया है। वहीं पहले और दूसरे फेज़ के तहत कुल 25.916 किमी रोड की तामीर काम चल रहा है। सातों फेज़ का काम पूरा होने के बाद 85.089 किमी पर भारी गाड़ियों का चलना शुरू होने से सड़कों पर गाड़ियों का लोड कम हो जाएगा।
इसलिए रुका हुआ था काम
यह सड़क सिक्स लेन बनाई जाएगी। कांठी टांड़ एनएच 75 (तिल्ता) से सुकरहुटू, कांके होते हुए विकास एनएच 23 तक करीब 23 किमी सड़क की तामीर कराना है। इससे पहले 156 करोड़ की लागत से साल 2007 में इसका तामीर शुरू कराया गया था। अभी महज 40 फीसद ही काम हुआ था कि काम की रफ्तार की वजह से मुतल्लिक़ ठेकेदार को टर्मिनेट कर दिया गया। तब से इसका काम रुका हुआ है।