शेख़ मुस्तफा क़त्ल केस में मुश्तबा एक फ़ौजी ने की ख़ुदकुशी

सिद्दीक़नगर फर्स्ट लांसर के साकन कमसिन तालिब-ए-इल्म शेख़ मुस्तफुद्दीन क़त्ल केस के सिलसिले में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम की तरफ से शक के दायरे में घिरे मेहदीपटनम गीरीसन के फ़ौजी जवान ने ख़ुद को गोली मार कर ख़ुदकुशी करली।

ज़राए के बमूजब लांस नावेक बी उपला राजू को कल रात मिल्ट्री ओहदेदारों ने क़त्ल केस के सिलसिले में तवील पूछताछ की थी और इस ने रात के आख़िरी पहर 4.15 बजे अपनी सरविस राइफल्स से बैत उल-ख़ला में ख़ुद को गोली मार कर ख़ुदकुशी करली।

अचानक गोली चलने की आवाज़ सुन कर साथी फ़ौजीयों ने उपला राजू को ख़ून में लुत पुत् पाया और उसे फ़ौरी लंगर हाउज़ में वाक़्ये आरटीलरी हस्पताल मुंतक़िल किया जहां पर डाक्टरों ने सुबह 5.40 बजे उस की मौत की तौसीक़ की। फ़ौजी जवान की ख़ुदकुशी की इत्तेला पर स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम और दुसरे आला पुलिस ओहदेदार मुक़ाम वारदात पर पहुंच कर वहां का मुआइना किया और पोस्टमार्टम के लिए दवाख़ाना उस्मानिया के मुर्दा ख़ाना मुंतक़िल क्या। याद रहे कि शेख़ मुस्तफुद्दीन को मेहदीपटनम गीरयसीन अहाते में ना मालूम फ़ौजीयों ने केरोसीन डाल कर ज़िंदा नज़र-ए-आतिश कर दिया था और कमसिन ने क़बल अज़ मर्ग बयान में मजिस्ट्रेट को बताया था कि दो फ़ौजीयों ने उसे ज़द्द-ओ-कूब करने के बाद केरोसीन डाल कर नज़र-ए-आतिश कर दिया था।

मुस्तफ़ा की दूसरे दिन मौत वाक़्ये होने के बाद पुलिस ने ना मालूम फ़ौजीयों के ख़िलाफ़ क़त्ल का मुक़द्दमा दर्ज कर के केस की तहक़ीक़ात का आग़ाज़ किया था। ज़राए ने बताया कि 8 अक्टूबर को पेश आए शेख़ मुस्तफ़ा क़त्ल केस की तहक़ीक़ात के लिए कमिशनर पुलिस हैदराबाद ने 13 अक्टूबर को डिप्टी कमिशनर पुलिस ईस्ट ज़ोन शाहनवाज़ क़ासिम की क़ियादत में ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम तशकील दी थी । बताया जाता है के एस आई टी ने तक़रीबन 70 मुश्तबा अफ़राद बिशमोल फ़ौजी ओहदेदार, जवान और मुक़ामी अफ़राद से पूछताछ कर के उन के बयानात भी कलमबंद किए थे लेकिन तहक़ीक़ाती टीम के ओहदेदारों ने उपला राजू और इस के साथी यलापा की मुक़ाम वारदात पर मौजूदगी के शवाहिद मौसूल होने पर उन से कई मर्तबा पूछताछ की थी।

बावसूक़ ज़राए ने बताया कि7 और 8 अक्टूबर जिस दिन मुस्तफ़ा क़त्ल की वारदात पेश आई थी फ़ौजी जवान उपला राजू और गीरीसन की लांड्री के धोपी अलापा के साथ मुक़ाम वारदात पर मए नोशी की थी। इस बात का इन्किशाफ़ होने के बाद फ़ौजी ओहदेदारों ने भी उपला राजू और इस के साथीयों से मुसलसिल पूछताछ कररही थी। उपला राजू 15 साल पहले मद्रास की आर्मी यूनिट में लांस नावेक की हैसियत से शमूलीयत इख़तियार की थी और साल 2012 में उसे हैदराबाद तबादला करते हुए मेहदीपटनम गीरीसन में डयूटी पर मुतय्यन कियागया था।
इस का आबाई मुक़ाम विशाखापटनम है और उसे बीवी अनोसया और दो बच्चे 7 साला लड़का निशांत, और 2 साला लड़की प्रगति है। किसान घराने से ताल्लुक़ रखने वाला उपला राजू मतयालमां का सब से छोटा बेटा था।

डीफ़ैंस शोबा की तरफ से जारी किए गए एक बयान में ये बताया कि कमसिन लड़के को ज़िंदा नज़र-ए-आतिश करने के वाक़िये में उपला राजू से पूछताछ की गई थी। इस जवान की ख़ुदकुशी को ये नहीं समझा जाना चाहीए कि वो क़त्ल केस में मुलव्वस था जबकि वो जारीया तहक़ीक़ात के सबब इंतिहाई ज़हनी दबाव का शिकार था। बताया गया कि फ़ौज पुलिस से मुकम्मिल तौर पर तआवुन कररही हैता के जल्द से जल्द हक़ायक़ का पता चलाया जा सके।