निज़ामबाद में पिछ्ले दिनों पुलिस के हाथों एक नौजवान की हलाकत के पेश आए वाक़िये के हक़ायक़ का पता चलाने वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की और निज़ामबाद में हलाक होने वाले 22 साला शेख़ हैदर के वाक़िये में ज़िम्मेदार पुलिस ओहदेदारों-ओ-मुलाज़िमीन के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का हक़ायक़ का पता चलाने वाली कमेटी ने हुकूमत तेलंगाना से मुतालिबा किया और साथ ही साथ मज़ीद हक़ायक़ का पर्दा फ़ाश होने के लिए हाईकोर्ट जज के ज़रीये फ़िलफ़ौर मुकम्मिल तहक़ीक़ात करवाने का हक़ायक़ का पता चलाने वाली कमेटी ने हुकूमत से पुर ज़ोर ख़ाहिश की है। इस कमेटी के मुताबिक़ बताया जाता हैके जारीया माह 21 मार्च को निज़ामबाद वन टाउन पुलिस ने महलूक शेख़ हैदर को मज़दूरों के अड्डे से पुलिस स्टेशन लेजाया गया और पुलिस की तरफ से शेख़ हैदर को पुलिस स्टेशन लेजाने से मुताल्लिक़ मुक़ामी अवाम ने फ़ोन पर वालिद को इत्तेला दी और फिर कुछ ही देर बाद पुलिस स्टेशन से फ़ोन पर स्टाफ़ ने हैदर के अफ़रादे ख़ानदान को पुलिस स्टेशन आने का मश्वरह दिया जिस की रोशनी में हैदर के अफ़रादे ख़ानदान फ़ौरी तौर पर पुलिस स्टेशन पहूंचे जिस के फ़ौरी बाद मौत-ओ-ज़ीस्त की हालत में पड़े हुए हैदर को अफ़रादे ख़ानदान के हवाला कर दिया। कमेटी ने बताया कि हैदर की मौत की असल वजह के लिए मुक़ामी दो सियासी जमातों के माबैन पाई जाने वाली मुख़ासमत है। ये बात कमेटी के अरकान को मुक़ामी अफ़राद ने ही बताई। लिहाज़ा इन तमाम हालात की रोशनी में हैदर की पुलिस स्टेशन में पेश आई मौत के वाक़िये की हाईकोर्ट जज के ज़रीये ही मुकम्मिल तहक़ीक़ात करवाने का तेलंगाना हुकूमत से हक़ायक़ का पता चलाने वाली कमेटी के ओहदेदारों ने पुर ज़ोर मुतालिबा किया।