शेमाली अफ़्रीक़ा जिहाद का नया मर्कज़ बन कर उभर रहा है

लंदन 27 दिसमबर (पी टी आई) शेमाली अफ़्रीक़ा जिहाद के एक नए मर्कज़ की हैसियत से उभर सकता है । मुट्ठी पर अलक़ायदा के आला सतही क़ाइदीन जो ज़िंदा बच गए हैं, अपना मुस्तक़र पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान से लीबिया जैसे ममालिक में मुंतक़िल कर रहे हैं। आला सतही बर्तानवी ओहदेदारों ने इंतिबाह दिया है कि कम अज़ कम दो सीनीयर अलक़ायदा क़ाइदीन पहले ही लीबिया पहुंच चुके हैं।

बर्तानिया के रोज़नामा गार्जियन में सीनीयर ओहदेदारों के हवाला से ख़बर शाय की है कि दीगर आला सतही अलक़ायदा क़ाइदीन को रास्ते में ही रोक लिया गया जिस से अंदेशे पैदा होगए हैं कि शेमाली अफ़्रीक़ा आइन्दा महीनों में जिहाद का नया मर्कज़ बन सकता है। एक ज़रीया के बमूजब इंतिहाई तजरबाकार शख्सियतें शेमाली अफ़्रीक़ा से अफ़्ग़ानिस्तान के शुमाल मशरिक़ी सूबा कोनार रवाना हुई थीं जहां वो कई साल मुक़ीम रहे और अब मशरिक़-ए-वुसता वापिस आचुके हैं।

बाअज़ आला क़ाइदीन को रास्ते में रोक लिया गया था लेकिन वो बच निकलने में कामयाब होगए। अलक़ायदा के सीनीयर क़ाइदीन की हलाकत के बाद इन का मुस्तक़र अफ़्रीक़ा मुंतक़िल करने का इक़दाम अलक़ायदा के सीनीयर क़ाइदीन की हलाकत के बाद शुरू हुआ। इस की एक वजह पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान में अलक़ायदा के एक खु़फ़ीया ठिकानों पर अमरीका के बगै़र पाइलीट जासूस लड़ाका तय्यारों ड्रोन के हमलों में पैदा होने वाली शिद्दत भी है।

रोज़नामा के ब्यान के बमूजब बर्तानिया के सीनीयर ओहदेदारों को यक़ीन है के 2012-में आख़िरी मरहला के जारिहाना हमलों से अलक़ायदा के मुट्ठी भर ज़िंदा बच जाने वाले अहम क़ाइदीन भी पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान से शेमाली अफ़्रीक़ा मुंतक़िल होजाएंगे।