शॉकिंग: हिन्दू मुसलमान में ज़हर घोलने का कारोबार

भारत एक ऐसा देश है जहां पर हिन्दुवों को मुसलमानों के बारे में और मुसलमानों को हिन्दुवों के बारे में समझने में कोई ख़ास दिक्क़त नहीं होनी चाहिए, उसकी वजह यहाँ पर दोनों धर्मों के लोगों की अच्छी तादाद में मौजूद होना है लेकिन कभी कभी या यूं कहें कि अक्सर आपको ऐसे लोग नज़र आ जाते हैं जो दूसरे धर्म के बारे में अजीब ओ ग़रीब ख़याल रखते हैं. इसी तरह के वाकये अक्सर हमारे साथ होते रहते हैं, ऐसे ही एक वाकये में हम सब अपने फ्रेंड सर्किल में बैठे हुए थे तभी अचानक एक लड़की ने मुझसे सीधा सवाल किया कि मुसलमान जब हज करने जाते हैं तो हज के दौरान भगवान् शिव की मूर्ती को पत्थर मारते हैं. वो लड़की सवर्ण हिन्दू है और लगभग रोज़ाना उसके यहाँ धार्मिक कार्यक्रम होते हैं और ये भी एक एहम बात है कि वो दिल की साफ़ है.. हाँ तो जैसे ही उसने ये बात कही मैं और मेरा एक हिन्दू दोस्त उसकी बात पे हंस पड़े, असल में अब ऐसी बातें हम इतनी सुन चुके हैं कि ग़ुस्सा नहीं हंसी ही आती है. हमने पूछा ये किसने बताया तुम्हे?, तो उसने कहा कि उसके कोई रिश्तेदार हैं वो बता रहे थे, समझने की बात है कि रिश्तेदार महोदय बीजेपी के छोटे मोटे नेता हैं. हमने उसे समझाया कि ऐसा नहीं है. ऐसी बातें जिनका कोई आधार नहीं है आज कल के दौर में चल पड़ी हैं और इसमें दोष इंसान की उस मानसिकता का है जो एक को दूसरे से नफ़रत करने के लिए मजबूर कर रही है.  इस तरह से नफ़रत भरी बातें लोगों के दिमाग में डाली जा रही हैं जैसे कि कोई याद करने की चीज़ हो. काबा शरीफ में  भगवान् शिव की मूर्ती पे पत्थर मारने का रिवाज आपको किसी किताब में या हक़ीक़त में कहीं नहीं मिलेगा लेकिन कुछ मक्कारों के मूंह से आप ये आराम से सुन सकते हैं, ये वो लोग हैं जो ज़हर का कारोबार करते हैं. असल में ग़लती लोगों की भी है सनसनीखेज़ चैनलों के दौर में रहने वाले लोगों को हर चीज़ डर और ग़ुस्से से लबरेज़ चाहिए और शायद ये वही है.

(अरग़वान रब्बही)