कोलकाता, 3 जनवरी: वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने आज कहा कि ज़रई शोबे में रद्दोबदल मुल्क की सरकारी पालिसीयों की अव्वलीन तर्जाह होना चाहीए, जिन में साईंस और टैक्नालोजी के बारे में पालिसीयां शामिल हैं। उन्होंने ये भी कहा कि तख़लीक़ी तौर पर जदीद ग़िज़ा, न्यूकलीयाई तवानाई या बैरून ख़ला की खोज से मुताल्लिक़ पेचीदा मसाइल का हल अक़ीदा, जज़बात और ख़ौफ़-ओ-ख़तर से नहीं, बल्कि मुनज़्ज़म मुबाहिस के ज़रीये निकाला जा सकता है।
हमारे लग भग 65 फ़ीसद अवाम देही इलाक़ों में रहते हैं। 12 वां पाँच साला मंसूबा ये मानता है कि ज़राअत में चार फ़ीसद सालाना की शरह पर तरक़्क़ी नागुज़ार है ताकि ग़िज़ाई सलामती हासिल की जा सके, डाक्टर सिंह ने यहां इंडियन साईंस कांग्रेस के सदसाला सैशन को ये बात बताई।
डाक्टर सिंह ने कहा कि ज़रई शोबे की ये तबदीली लाज़िमन हमारी सरकारी पालिसीयों की अव्वलीन तरजीही फ़िक्रमंदी होनी चाहीए, जिन में साईंस और टैक्नालोजी पालिसीयां शामिल हैं। ये निशानदेही करते हुए कि पानी और अराज़ी की क़िल्लत की वजह से तरक़्क़ी महिदूद हुई है, उन्होंने कहा, हमें काशतकारी में पानी की बचत की टैक्नालोजीस, ज़मीन की ज़रख़ेज़ी को बढ़ाने और आब-ओ-हवा से मुज़ाहमत की इक़साम के फ़रोग़ जैसे मामलों में नई कामयाबियां दरकार हैं।
मुल्क की साईंस, टैक्नालोजी और इख़तिरा पालिसी 2013जारी करते हुए वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि हिंदूस्तान की ख़ाहिश 2020 तक सरकरदा पाँच आलमी साईंसी ताक़तों में शामिल होना है। उन्होंने कहा कि साईंस और टैक्नालोजी में तरक़्क़ी ग़ैरमामूली माद्दी तरक़्क़ी और वसाइल के इस्तेमाल के लिए कलीदी रही है।
डाँक्टर सिंह ने कहा कि जेसे कि हिंदूस्तान क़ौमी आमदनी में बढ़ोतरी का ख़ाहां है, हमें ज़रूर साईंस और टैक्नालोजी को भरपूर अंदाज़ में बरुए कार लाने की सुई करना चाहीए ताकि महरूम लोगों की ज़रूरीयात की तकमील की जा सके और वसाइल के हामिलियन और महरो मैन के बीच ख़लीज को पाटा जाये।
वज़ीर-ए-आज़म ने नौजवान नसल से अपील भी की कि साईंस पर मबनी कद़री निज़ाम को इख़तियार करें ताकि जो कुछ भी इस शोबे से मुम्किन हो फ़ायदा उठा सके। उन्होंने कहा कि 12 वां मंसूबा जिसे क़ौमी तरक़्क़ीयाती कौंसल ने चंद रोज़ पहले मंज़ूरी दी, मुतअद्दिद इक़दामात की सर अहित करता है जो नई साईंस, टैक्नालोजी और इख़तिरा पालिसी के मक़ासिद को मुम्किन बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि ज़राअत के अलावा मुसावी तवज्जु के मुतक़ाज़ी शोबा जात तवानाई सलामती, साफ़ सफ़ाई और महफ़ूज़ पीने के पानी की गुंजाइश फ़राहम करना हैं। उन्होंने ये भी कहा कि पेशरफ़्त के लिए वसाइल की बढ़ती ज़रूरत वाली जदीद साईंस के लिए बैन-उल-अक़वामी शराकत कलीदी एहमीयत की हामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछ्ले कई बरसों में मआशी फ़राख़दिलाना पालिसी और मआशी तरक़्क़ी ने साईंसदानों के लिए बैन-उल-अक़वामी सतह पर बामानी अंदाज़ में और एतिमाद के साथ इश्तिराक को मुम्किन बनाया है। क़ब्लअज़ीं सदर जमहूरीया प्रणब मुखर्जी ने चीफ़ मिनिस्टर मग़रिबी बंगाल ममता बनर्जी, वज़ीर साईंस और टैक्नालोजी एस जय पाल रेड्डी, गवर्नर मग़रिबी बंगाल और कई नोबल इनाम याफ़तगान और साईंसदानों की मौजूदगी में इस कांग्रेस का इफ़्तिताह किया।