शोरिश ज़ादा इलाक़ों में तैनात फ़ौज को जवाबदेह बनाना चाहिए : जय‌ राम रमेश

मर्कज़ी वज़ीर बराए देही तरक्कियात जय राम रमेश ने कहा कि मुल्क के शोरिश ज़दा इलाक़ों में तैनात फ़ौज को ज़्यादा शफ़्फ़ाफ़ और जवाबदेह होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वो ना तो शोरिश पसंदी को एक काबिल-ए-सताइश सिफ़त और सयान्ती इंतेज़ामिया को इफ़रीयत फ़ित्रत क़रार दे रहे हैं।

उनके ख़्याल में फ़ौज को जवाबदेह और शफ़्फ़ाफ़ होना चाहिए चाहे कोई मुल्क‌ हो या जंगलात का इंतेज़ामिया ,पुलिस का इंतेज़ाम हो या सयान्ती इंतेज़ामिया हर एक को जवाबदेह होना चाहिए। वो जामिआ मुलिया इस्लामिया में शोरिश पसंदी और तरक़्क़ी के उनवान पर एक क़ौमी सेमिनार से ख़िताब कररहे थे।

उन्होंने कहा कि फ़ौज को शोरिश ज़दा इलाक़ों में तरक़्क़ियाती कामों की पहल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये उनका ज़ाती तजुर्बा है कि जब भी उन्होंने कोई बेमानी तरक़्क़ियाती सरगर्मीयां शुरू करने की सलाहियत महसूस की ये फ़ौजी कार्रवाई के बाद ही महसूस की गई और उन्होंने इस पर मूसिर और हस्सास अंदाज़ में अमल आवरी की।

उन्होंने कहा कि इस के बगै़र ये क़तई ना मुम्किन था। जय‌ राम रमेश ने कहा कि सियासी अमल से पहले कुछ हद तक सयान्ती कामयाबी बुनियादी ज़रूरत है इसके बाद तरक़्क़ियाती प्रोग्राम का अहया किया जाना चाहिए। जय‌ राम रमेश उनकी विज़ारत के आग़ाज़ करदा तरक़्क़ियाती प्रोग्राम का जायज़ा लेने केलिए अक्सर इस नक्सली ज़ेर-ए-असर इलाक़े का दौरा करते रहते हैं।