शौहर के साथ रोमांस करते वक्त मारी गईं रूसी एमपी

मॉस्को: एक ग्लैमरस रूसी एमपी और उसके शौहर का बम ब्लास्ट में उस वक्त परखच्चो उड गए जब वे गाडी की पिछली सीट पर न्यूड हालत में रोमांस कर रहे थे। मारी गईं 30 साल की एमपी ओकसाना बोब्रवस्क्या रूसी सदर ब्लादिमीर पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रसिया की रूकन थीं।

ओकसाना साइबेरिया के सबसे बडे शहर नोवोसिबिस्र्क में ब्लास्ट में उस वक्त मारी गईं जब वह और उनके शौहर निकिता देर रात कार में Intimate Status में थे, तभी ब्लास्ट हो गया। उस वक्त दफ्तर के पास हरारत माइनस 6 डिग्री था। पुलिस को खदशा है कि एमपी के शौहर ने ही अपनी बीवी से नफरत में दोनों को उडा लिया।

पुलिस का कहना है कि इस जानलेवा वारदात के पहले इस जोड़ी के बीच झगडा हुआ था। शौहर ने अपनी बीवी पर इल्ज़ाम लगाया था कि वह अपने अमीर आशिक की वजह से उनके साथ धोखा कर रही है। चश्मदीदों को कहना है कि जब दोनों की लाश निकाली गयी तो एमपी खातून और उसके शौहर के जिस्म पर कमर से नीचे कपडे नहीं थे। इनका कहना है कि दोनों गाडी की पिछली सीट पर थे।

इन दोनो की चार साल की बेटी है।

साइबेरियन टाइम्स ने पुलिस ज़राये के हवाले से बताया कि एमपी के हाथ में ग्रेनेड होने के सबूत मिले हैं। दिगर रूसी अखबारों की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जोड़ी के बीच इख्तेलाफ था । न्यूज़ में कहा जा रहा है कि दोनों के चेहरे बुरी तरह से झुलस गए थे। दावा किया जा रहा है कि बम कार में ही फिट किया गया था और औसा एमपी खातून के शौहर ने जानबूझकर किया था।

नोवोसिबिस्र्क के मेयर अंटोली लोकोट ने कहा कि एमपी की मौत खानदानी झगड़े की वजह हुई है। उन्होंने कहा कि यह कोई दहशतगर्दाना वारदात नहीं है। एक चश्मदीद इवगेनिया रोमानोवा ने बताया, हम लोग करीब के ही अपार्टमेंट में रहते हैं। जहां इन दोनों की धमाके में मौत हुई उस पार्किग को हम आसानी से देख सकते हैं। पहले यहां एक ब्लास्ट हुआ। आसपास लगीं कारों से सिक्योरिटी अलार्म की चीख आने लगी। तभी हमने अपने शौहर से मजाक करते हुए कहा कि लग रहा है तुर्की और रूस में जंग शुरू हो गई है। फिर मैंने खिडकी से बाहर देखा तो सब कुछ खत्म हो गया था। मेरे शौहर सीढियों के जरिए नीेचे गए और मैं खिडकी से देख रही थी। यह बिल्कुल डरावना था।

ऐसा किसी के साथ हो जाए, आप तस्व्वुर भी नहीं कर सकते। शीशे पर खून फैला हुआ था। यह एक डरावना ख़्वाब था। एक दूसरे चश्मदीद ने बताया कि, इस खातून एमपी को चेहरे के जरिए नहीं पहचाना जा सकता था। सिर पूरी तरह से गायब हो चुका था।