श्रीनगर में तहदेदात (पाबंदीयां), हड़ताल से ज़िंदगी मफ़लूज( लक़्वाग्रस्त)

पूरी वादी कश्मीर में आज मुसलसल तीसरे दिन अलहैदगी पसंदों की 200 साल क़दीम ( पुरानी) दस्तगीर साहिब दरगाह के जल कर राख का ढेर बन जाने के ख़िलाफ़ बतौर-ए-एहतजाज हड़ताल की बिना पर मामूलात-ए-ज़िंदगी मफ़लूज हो गए।

ओहदेदारों ने पुराने शहर में अवाम की नक़ल-ओ-हरकत पर इमतिना आइद ( प्रतबंध लागू) कर दिया। एहतियाती इक़दाम ( कार्यनिष्पादन) के तौर पर श्रीनगर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बसीर अहमद ख़ान ने अवाम की नक़ल-ओ-हरकत और ट्रांसपोर्ट पर पुराने शहर में पाबंदी आइद करने का हुक्म दिया।

इमकान ( संभावना) है कि ये पाबंदियां जुमा के दिन तक जारी रहेंगी क्योंकि मुफ़्ती-ए-आज़म जम्मू-ओ-कश्मीर बशीर ए लदेन अहमद ने इस दिन खान्यार तक एहितजाजी जुलूस निकालने का ऐलान किया है । वादी के बाअज़ ( कुछ) हिस्सों में आज दूसरे दिन भी बंद मनाया गया ।

स्कूल , कालेज , दफ़ातिर , दुकानें और तिजारती इदारे बंद रहे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सड़कों से हटाली गई। चंद ख़ानगी ( निजी) गाड़ियां सड़कों पर नज़र आ रही थी । सरकारी दफ़ातिर में हाज़िरी बहुत कम थी। हुकूमत ने डिविजनल कमिशनर कश्मीर की जानिब से आतिशज़दगी (आग लगने) के वाक़िया की तहकीकात का हुक्म दे दिया है।

दरी असना ( यद्वपी) पुराने शहर और हस्सास (संवेदनशील) इलाक़ों में पुलिस और सी आर पी एफ की ज़्यादा तादाद तैनात कर दी गई है। सोम्वार के दिन दरगाह शरीफ के जल जाने पर परतशद्दुद एहतिजाज शुरू हो गया था।