श्रीरंगपट्टनम में स्थित टीपू सुल्तान का शस्त्रागार आज हो जाएगा स्थानांतरित

बेंगलूरू। पहली बार किसी ऐतिहासिक धरोहर को नई जगह शिफ्ट किया जा रहा है। रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के लिए 200 साल से अधिक पुराने टीपू सुल्तान के शस्त्रागार की शिफ्टिंग शुरू हो गई है जो गुरूवार को पूर्ण हो जाएगी। कर्नाटक के श्रीरंगपट्टनम में स्थित इस 1000 टन वजनी शस्त्रागार को बिना तोड़े नई जगह स्थापित किया जायेगा। मंगलवार को इसको 25 मीटर की दूरी तक हटाया गया। भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा चयनित स्थान पर ले जाने के एजेंसी इस नाजुक प्रक्रिया पर बारीकी से नज़र रखे हुए है।

 

शस्त्रागार को वर्ष 1782 और 1799 के बीच टीपू सुल्तान द्वारा निर्मित करवाया गया था जिसकी चिनाई ईंट से की गई है। इतिहासकारों के मुताबिक यह ईंटें चूने और पत्थर की बनी हुई है। इनमें एक विशेष मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है ताकि किसी भी मौसम में गन पाउडर और हथियारों की प्रभावशीलता को बनाए रखा जा सके। इस कार्य को अमरीका की कंपनी वोल्फ़ नई दिल्ली स्थित पीएसएल इंजीनियरिंग के साथ मिलकर कर रही है।

 

इस काम पर 13.5 करोड़ खर्च होंगे। इस कार्य के पूर्ण होने के बाद रेलवे लाइन का दोहरीकरण सुगम जायेगा। अब शस्त्रागार की नई लोकेशन श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर के पास होगी। हालांकि काफी समय तक यह योजना ठन्डे बस्ते में पड़ी रही। कुछ हफ्ते पहले काम शुरू हुआ। सोमवार को स्मारक को स्थानांतरित करने का काम शुरू हुआ है जो गुरुवार तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद ढांचे को स्थापित करने के लिए दो महीने लग सकते हैं।