श्रीलंका में ईस्टर पर हुए हमले में सरकार ने मृतकों का नया आंकड़ा जारी किया है जो पहले दिए गए आंकड़े से एक तिहाई कम है। साथ ही आर्मी मोहिदीन नाम के नए संगठन का भी नाम सामने आया है।
ईस्टर पर हुए आतंकी हमलों पर श्रीलंकाई सरकार ने कहा है कि इन धमाकों का मास्टरमाइंड मर चुका है।
डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, वह खुद एक आत्मघाती हमलावर बनकर शांगरीला होटल में गया था। वह नेशनल तौहीद जमात का मुख्य नेता भी था। इसका नाम मोहम्मद जहरान था। वह सोशल मीडिया पर अकसर धर्म को लेकर भड़काउ भाषण देता था।
Devastation at a church: High-quality footage from inside a church in Sri Lanka’s Negombo shows the suspect walking in amongst the congregation gathered for morning service. @ReutersGraphics tracks his movements before the blast: https://t.co/lsSQjP9kDX pic.twitter.com/6tRrRTQnEg
— Reuters (@Reuters) April 26, 2019
पुलिस ने नेशनल तौहीद जमात के दूसरे नंबर के नेता को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में इसने बताया कि इन हमलावरों को फौजी प्रशिक्षण दिया गया था। फौजी प्रशिक्षण देने वाले समूह का नाम आर्मी मोहिदीन है। इन्हें श्रीलंका के पूर्वी इलाकों में प्रशिक्षण दिया गया था।
पुलिस के मुताबिक सभी फिदायीन एक स्थानीय जिम में काम करते थे. इनके पास पहचान पत्र भी थे। हमलावरों ने कडावथा के एक कार डीलर से हमला करने के लिए वाहन खरीदे थे। पुलिस ने एक तांबा फैक्टरी के मालिक को भी गिरफ्तार किया है।
इसने आर्मी मोहिदीन के लोगों की ज्यादा तीव्रता वाले बम बनाने में मदद की थी. उसने श्रीलंका सेना द्वारा बेचे गए खाली कारतूस खरीद कर आतंकियों को मुहैया करवाए थे। वह कबाड़ के तौर पर तांबे के कारतूसों को खरीदकर आतंकियों को सप्लाई करता था।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा था कि श्रीलंकाई हमलावरों को इस्लामिक स्टेट से सहायता मिली थी। इस्लामिक स्टेट ने जहरान और दूसरे आतंकियों का एक वीडियो जारी किया था जिसमें वे इस हमले के बारे में बता रहे थे।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा, “इस्लामिक स्टेट से संबंध रखने वाले 140 लोगों की पहचान कर ली गई है। श्रीलंका के पास देश में पनप रहीं इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों पर काबू पाने की पूरी क्षमता है। हम देश के लोगों के लिए एक स्वतंत्र और शांतिपूर्ण माहौल तैयार करेंगे।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने हमले के लिए इस्तीफा दे चुके रक्षा सचिव और पुलिस चीफ को जिम्मेदार ठहराया। इन दोनों ने इंटेलिजेंस की सूचना होने के बावजूद जरूरी कार्रवाई नहीं की।