श्री लंका को दोस्त मुल्क ना समझें

चेन्नाई 28 मार्च : श्री लंका के तामिलों के मसले पर अपने दबाव‌ में इज़ाफ़ा करते हुए तामिलनाडो एसेंबली ने आज एक सख़्त अलफ़ाज़ पर मुश्तमिल क़रारदाद मंज़ूर करते हुए मर्कज़ी हुकूमत से कहा है कि वो श्री लंका को एक दोस्त मुल्क मान‌ना तर्क करदे और श्री लंका पर तहदीदात नाफ़िज़ करे ।

क़रारदाद में माँग‌ किया गया है कि अलाहदा तामिलौ के लिए रेफीरंडम करवाया जाय । तामिलनाडो एसेंबली ने चीफ़ मिनिस्टर जय ललीता की पेश करदा क़रारदाद को मंज़ूर किया जिस में मर्कज़ पर ज़ोर दिया गया कि वो कोलंबो के ख़िलाफ़ ऐसे सख़्त इक़दामात करे जिस से वो तामिलौ पर अपनी बालादस्ती ख़त्म करसके ।

जो लोग नस्ल कशी और जंगी जराइम के ज़िम्मेदार हैं उन्हें बैन-उल-अक़वामी तहक़ीक़ात का सामना करना होगा । इस क़रारदाद को डी एम के अरकान के एहतिजाज के दरमयान नदाई वोट से मंज़ूर किया गया । क़रारदाद में ये भी मुतालिबा किया गया कि हिंदूस्तान अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसिल में एक क़रारदाद पेश करते हुए अलाहदा तामिलौ के लिए रेफीरंडम करवाए ।

श्री लंका में तामिलौ के लिए इनका वतन बनाना ज़रूरी है और इसके लिए रेफीरंडम कराना चाहिए । जय ललीता ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को भी मकतूब लिख कर मुतालिबा किया था कि हिंदूस्तान दौलत-ए-मुश्तरका सरबरहान-ए-ममलकत के इजलास का बाईकॉट करे जो इस साल नवंबर में कोलंबो में मुनाक़िद हो रहा है ।