संघ नेतृत्व वाली मोदी सरकार को शहीद ए आज़म भगत सिंह का नाम बर्दाशत नहीं: एक्शन कमेटी फॉर भगत सिंह एयरपोर्ट

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नयी दिल्ली
:देश और दुनिया में प्रख्यात क्रन्तिकारी युवा दिलो की धड़कन शहीद ए आज़म भगत सिंह
का नाम भी अब मोदी सरकार को नहीं जंच रहा है, केंद्र के बड़े संस्थानों में संघ से सम्बंधित लोगो को बिठाने के बाद, 2007 में केंद्र दुवारा प्रस्तावित और पंजाब और हरियाणा सरकारों ने 2009 और 2010 में विधानसभा से चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम पारित किया था लेकिन अभी की खट्टर की हरियाणा सरकार ने फैसला कर आरएसएस से सम्बंधित मंगल सेन के नाम का एलान किया है, वह संगठन जो अंग्रेज़ो के सांठ गांठ और क्रांतिकारियों के खिलाफ मुखबिरी में शामिल रहा है, देश में युवाओ के विरोध की धधक सुनते ही सरकार ने कहा की एयरपोर्ट का नाम लाला लाजपतराय भी हो सकता है यह कर वह अंग्रेजी चाल चल फुट डालने की राजनीति कर युवाओ को बाटना चाहती है!

इस सम्बन्ध
में पंजाब में युवाओ ने सरकार को चुनौती देते हुए चंडीगढ़ में खुद शहीद ए आज़म भगत
सिंह एयरपोर्ट- चंडीगढ़ का बोर्ड लगवा के टाँग दिया दूसरी तरफ संसद में धर्मवीर गांधी और सीताराम येचुरी ने शहीद ए आज़म भगत सिंह के अपमान पर पिछले सत्र में संसद में मार्च निकाला था, शहीद ए आज़म भगत सिंह युवा मतवालो और शहीदो के परिवार की अगुवाई में 23-24 जनवरी से शुरू हुये शहीद ए आज़म भगत सिंह एयरपोर्ट-चंदीगढ के लिए जंतर मंतर पर दो दिवसीय आंदोलन हुआ, आंदोलन में शहीदों के परिवार शामिल हुए उन्होंने सरकार को चेताया है की मांगे नहीं मानी गयी तो चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर उड़ान भरने नहीं दी जाएगी, इस मामले से संबधित मांग पत्र भी देश के राष्ट्रपति को सौंपा गया है। लेकिन सरकार टस से मस होने को तैयार नही है!

आखिर आज
क्या हो गया की देश के युवाओ को शहीद ए आज़म भगत सिंह का नाम बचाने के लिए लड़ना पड़
रहा है? हैरतनाक है की स्वंतंत्रता संग्राम में भारतीय उपमहादीप में आज शहीद ए आज़म भगत सिंह का नाम हो या न हो इस पर बहस हो? पाकिस्तान के युवाओ-सरकार दवरा शादमान चौक का नाम शहीद ए आज़म भगत सिंह की याद में रखने की मुखालिफत जमात उत दावा करे तो समझ में आता है लेकिन अपने मुल्क में शहीद ए आज़म भगत सिंह का RSS क्यों विरोध कर कोई और नाम क्यों दे रही है?

दरअसल आजतक
सरकारे नहीं चाहती रही की देश में शहीद ए आज़म भगत सिंह को युवा जाने जिन्होंने
सोशलिस्ट, सेक्युलर मुल्क व् शोषणविहीन देश का सपना देखा था, जिन्होंने शोषित वर्ग को शोषण के खिलाफ इंक़ेलाब का हथियार थमाया था, जिसने 23 साल की उम्र में किसान मज़दूर और कामगार को ग़ुलामी की बढ़िया तोड़ने का हुनर दिया दिया था, इसी लिए इसीलिए आजतक कोई भगत-राजगुरु-सुखदेव-अशफ़ाक़ और शहीदो के नाम का राष्ट्रिय स्मारक देश के युवाओ को बना के नहीं दिया गया जिसे देश के राष्ट्रपति या प्रधामंत्री 26 जनवरी या 15 अगस्त को सलामी दे और देश दुनिया जाने की भारत के युवाओ के हीरो भगत-राजगुरु-सुखदेव-अशफ़ाक़ है ना की द्वितीय विश्व युद्ध में रानी की खिदमत करने वाले सैनिक जिनके नाम इण्डिया गेट पर उकेरे गए है!

छात्र युवा
सरकार को चेतावनी देते कह रहा है की सरकार होश में आ जाये और तुरंत केंद्र सरकार
“शहीद ए आज़म भगत सिंह एयरपोर्ट” के नाम का एलान करे, इसी को लेकर हम देश के छात्र युवा को 25 फरवरी को जंतर मंतर पर हज़ारो में इकठा होने का आह्वान करते है और सभी राजनैतिक दलों से अपील करते है की वह आगामी सत्र में अपनी पार्टी की तरफ से संसद में आवाज़ उठाकर सरकार को घेरे और शहीदो के अपमान का बदला ले, हम निवेदन करते है पंजाब, हरियाणा और अन्य प्रदेशो के मुख्यमंत्री व् सभी दल इस अपमान पर अपना रुख प्रकट करे और आंदोलन को समर्थन पत्र जारी कर 25 फरवरी को जंतर मंतर पहुंचे!

एक्शन कमेटी
ने तमाम प्रगतिशील छात्र-युवा और सामाजिक जनसंगठन से गुज़ारिश है की वह
“एक्शन कमेटी फॉर भगत सिंह एयरपोर्ट” का हिस्सा बने और इस जानकारी को अन्य लोगो तक पहुंचकर शहीदो के अपमान का बदला लेने के लिए सड़क पर आये