ज़कात फाउंडेशन और मुख़्तलिफ़ रियासतों के ग़ैरमारूफ़ उल्मा की जानिब से 20 नवंबर को लिखनऊ, नई दिल्ली समेत दीगर रियासतों के उर्दू अख़बारात में सफ़ाह-ए-अव्वल पर जो निस्फ़ सफ़ा से बड़ा इश्तिहार मुसलमानों का इंतिख़ाबी ऐलान शाय हुआ है
इस में मिनजुमला समाजवादी पार्टी, यू पी ए और उसकी इत्तिहादी हुकूमतों पर मुसलमानों के लिए कोई काम ना किए जाने और नरेंद्र मोदी और बी जे पी-ओ-मुसलमानों के मुआमलात में मुख़िल ना होने की बात पर तमाम सियासी पार्टीयों के सामने मुसलमानों के मसाइल से मुताल्लिक़ जो 20 नकाती मुतालिबात का मह्ज़रनामा इस शर्त पर रखा है कि मुसलमान इलेक्शन में उसको वोट देंगे जो इस मह्ज़रनामा के मुतालिबात पूरा करने पर मुत्तफ़िक़ होंगी।
इस इश्तिहार के मुंदरिजात पर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस समेत मुख़्तलिफ़ मुस्लिम तंज़ीमों ने अपने सख़्त रद्द-ए-अमल का इज़हार करते हुए इस इश्तिहार की अशाअत के पसेपुश्त सिंह परिवार का हाथ बताते हुए मुसलमानों से इस किस्म के प्रोपगंडे से होशयार रहने की अपील की है।
रियासती वज़ीर-ए-सेहत अहमद हुसैन समाजवादी पार्टी के तर्जुमान-ओ-रियासती वज़ीर जेल राजिंदर चौधरी ने कहा कि उनकी नज़रों से इश्तिहार नहीं गुज़रा है लेकिन उनके इस इश्तिहार के मुताल्लिक़ जो इत्तिलाआत आई हैं उसकी बुनियाद पर वो कह सकते हैं कि इश्तिहार में अखिलेश यादव हुकूमत के बारे में जो कुछ कहा गया है वो हक़ीक़त से प्रे है।
अखिलेश यादव हुकूमत ने अपने देढ़ साला दौर-ए-इक्तदार में मुसलमानों से इंतिख़ाबी मंशूर में जो वाअदे किए थे उन में से कई मांगें पूरे करदिए हैं बक़ीया मांग पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
क़ब्रिस्तान की चहारदीवारी की तामीर, बे ख़ता बे क़सूर मुसलमानों की रिहाई के लिए क़ानूनी लड़ाई लड़ने, निमेश कमीशन की रिपोर्ट को तस्लीम करके उसको ऐवान में पेश करने, उर्दू असातिज़ा की भर्ती का अमल शुरू, यू एस पी ए सी-ओ-दीगर सरकारी मुलाज़मतों में मुसलमानों की नुमाइंदगी बढ़ाने, रियासत 80 तरक़्क़ीयाती मंसूबों का 18 फीसदी बजट अक़लियती फ़िर्क़ा को मुराआत देने की मद में ख़र्च करने, मुज़फ़्फ़रनगर के फ़साद के महलूकीन् के कुन्बे के एक शख़्स-ओ-सरकारी नौकरी देने 10 लाख रुपये का मुआवज़ा देने पनाह गज़ीन कैम्पों में रहने वाले तक़रीबन चार हज़ार अफ़राद को फी कस पाँच लाख रुपये देने, क़सूरवार अफ़राद बिशमूल मुतअस्सिब सरकारी अहलकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने फ़सादात की तहक़ीक़ात केलिए हाइकोर्ट के सबकदोश जज विष्णु सहाय की क़ियादत में एक रुक्नी कमीशन की तशकील देने, मदर्रिसा बोर्ड की तशकील नौ वगैरह के काम किए जा चुके हैं जो रिकार्ड पर मौजूद हैं।