संचार की दुनिया में होंगे बड़े बादलाव, हो रही है थ्री डाइमेंशनल वर्चुअल रियल्टी की तैयारी

मोबाइल फोन और फिर वीडियो कॉलिंग ने संचार की दुनिया को बदल कर रख दिया है. लेकिन अब वैज्ञानिक थ्री डाइमेंशनल वर्चुअल रियल्टी के जरिए बड़े बदलाव का रास्ता तैयार कर रहे हैं. जर्मन शहर वाइमार में बाउहाउस यूनिवर्सिटी में रिसर्चर एक नये प्रकार के संचार सिस्टम पर काम कर रहे हैं. इसकी मदद से बात करने वाले लोगों को महसूस होगा कि जैसे वे एक दूसरे के आमने सामने हैं। यह एक साथ कई जगहों पर मौजूद रहने जैसा होगा.

इस तकनीक की मदद से दो से ज्यादा लोग एक साथ एक ही समय में थ्री डाइमेंशनल तरीके से एक दूसरे के साथ बात कर सकेंगे.

सिनेमा और गेमिंग में भी वर्चुअल रियलिटी अब दाखिल हो रही है. ऐसी फिल्में बनने की शुरुआत हो चुकी है जिन्हें 360 डिग्री पर देखा जा सकेगा. अब यही वर्चुअल रियलिटी संचार के क्षेत्र में भी दस्तक दे रही है. बाउहाउस यूनिवर्सिटी में वर्चुअल रियलिटी वाले संचार सिस्टम पर काम करने वाले आईटी एक्सपर्ट अलेक्जांडर कुलिक कहते हैं, “एक दूसरे के साथ साझा अनुभव के जरिये, और अपने शरीर तथा दूसरों की उपस्थिति के बीच संबंधों के जरिये, इस वर्चुअल हकीकत को अलग विश्वसनीयता मिलती है.”

इस सिस्टम की मदद से इंटरएक्टिविटी को नई क्वालिटी मिलती है. असली और वर्चुअल हकीकत एक दूसरे में घुलमिल जाते हैं. इस प्रक्रिया को मिक्स्ड रियलिटी कहते हैं और संचार की दुनिया को इससे भविष्य में काफी उम्मीदें हैं. माइक्रोसॉफ्ट भी अपने होलोलेंस के साथ मिक्स्ड रियलिटी को काफी महत्व दे रहा है. संचार के साधन के रूप में इसकी संभावनाओं को एक प्रचार वीडियो में देखा जा सकता है.

मीडिया सिस्टम एक्सपर्ट स्टेफान बेक कहते हैं, “स्वाभाविक रूप से इंसान को वर्चुअली दूसरी जगह बीम किया जा सकता है, बिना खुद वहां उपस्थित रहे. भविष्य में यह संभव हो सकेगा कि सिर्फ वर्चुअली लोग एक दूसरे के साथ बात करें और लोगों को पता ही नहीं होगा कि वह जिसके साथ बात कर रहा है वह असली है या नकली.”