नई दिल्ली, 30 मार्च: प्रेस कौंसल आफ़ इंडिया (PCI) सदर नशीन जस्टिस (रिटायर्ड) मरकंडे काटजू ने सदर जमहूरिया परनब मुकर्जी से अपील की है कि एक्टर संजय दत्त और 1993 सिलसिला वार बम धमाकों की मुल्ज़िमा ज़ैबुन्निसा को आम माफ़ी दी जाये। काटजू ने सदर जमहूरिया के इलावा वज़ीरे आज़म मनमोहन सिंह और वज़ीरे दाख़िला सुशील कुमार शिंडे को भी इसी नौईयत के मुक्तो बात तहरीर किए हैं। जिस में उन्होंने वज़ाहत की है कि संजय दत्त ने हालाँकि माफ़ी के लिए अपील नहीं की है,लेकिन उऩ्हें अपील दाख़िल करने का इख़तियार ज़रूर है लिहाज़ा में इज़्ज़त मआब सदर जमहूरिया से अपील करता हूँ कि मौसूफ़ दस्तूर के आर्टीकल 72 के मुताबिक़ संजय दत्त को माफ़ करदें।
उन्होंने मज़ीद वज़ाहत की कि आर्टीकल 72 में ये सराहत नहीं की गई है कि अपील किस को करनी चाहिए। लिहाज़ा अगर संजय दत्त ने कोई अपील रवाना नहीं की है तो वो ख़ुद ( काटजू) ये अपील दाख़िल कर रहे हैं। उन्होंने संजय दत्त को माफ़ी देने की कई वजूहात बताएं जिन में से एक तो ये है कि एक्टर ने 18 माह पहले ही जेल में गुज़ारे हैं जिस से उन का कैरियर तक़रीबन तबाह होगया और उस की बहाली के लिए उन्हें मज़ीद पाँचता छः साल का अर्सा लग गया।
इन पाँच छः बरसों के दौरान उन्हें समाजी बाईकॉट का भी सामना करना पड़ा क्योंकि लोग उन्हें दहश्तगर्द समझने लगे थे। काटजू ने ज़ैबुन्निसा अनवर क़ाज़ी जिस की उम्र 70 साल है के लिए भी आम माफ़ी का मुतालिबा किया। काटजू ने कहा कि ज़ैबुन्निसा के गुर्दे का ऑप्रेशन हुआ है और उसे बार बार चैक अप के लिए हॉस्पिटल जाना पड़ता है। इस के पावं पर हमेशा वर्म रहता है लिहाज़ा परहेज़ी ग़िज़ा के तौर पर ज़ैबुन्निसा बगै़र नमक का खाना खाती है वो इतनी नहीफ़-ओ-लागर हो चुकी है कि ना ठीक से बात कर सकती है ना चल सकती है।
इस क़दर बिगड़ी हुई सेहत के बाद मुझे अंदेशा है कि ज़ैबुन्निसा जेल में पाँच साल नहीं गुज़ार सकेगी। जबकि इस से पहले इस ने नौ माह की सज़ाए क़ैद भी काटी है। मेरी यही दरख़ास्त है कि ज़ैबुन्निसा को माफ़ कर दिया जाये।