संजलि ने पिता को बताया था ! मैं किसी को नहीं पहचानती, आग लगाकर मुझे खाई में धक्का दे दिया

बेटा कौन था। किसी को पहचाना क्या। किसी से कोई बात तो नहीं हुई थी। कोई परेशान तो नहीं करता था। कुछ याद कर। यह सवाल संजलि के पिता हरेंद्र ने इलाज के दौरान अपनी बेटी से पूछे थे। बेटी ने एक ही जवाब दिया। किसी को नहीं पहचाना। पिता ने शुक्रवार को रोते हुए बेटी के साथ हुई आखिरी बातचीत का जिक्र किया।

गांव लालऊ निवासी हरेंद्र ने बताया कि दिल्ली में उन्होंने बेटी से एक नहीं कई बार बातचीत की। बेटी ने बताया कि आग लगाकर लड़कों ने उसे खाई में धक्का मारा था। बाइक सवार पीछे से आए थे। उसे रोका। एक ने सिर से पेट्रोल डाला फिर आग लगा दी। साइकिल सहित उसे खाई में धक्का दे दिया। दोनों युवकों ने हेलमेट पहन रखा था। वह उनको पहचान नहीं पाई। पिता ने बताया कि यह जानकारी उन्होंने पुलिस को दी थी। उन्होंने अकेले नहीं पत्नी ने भी बेटी से कई बार बातचीत की। आगरा में भी उससे पूछा था कि बता दे किसी को पहचाना हो तो। बेटी पहचान जाती तो नाम बता देती।

एसएसपी के मुताबिक, आरोपित पहचान वाले थे। इसलिए हेलमेट लगाकर आए थे। ज्यादा दूर के लिए नहीं थे हेलमेट पहनकर आने के पीछे एक कारण यह भी था। ताकि कोई न पहचान पाए। आग लगाने के बाद आरोपित सीधे अकोला की तरफ भाग गए थे। संजलि ने बाइक पर लाल रंग देखा था। बाइक लाल थी या बाइक पर लाल रंग की पट्टियां थीं। यह भी साफ नहीं है।