गुजरात हाईकोर्ट ने मुअत्तल आई पी एस ओहदेदार संजीव भट्ट के ख़िलाफ़ 1990 पुलिस मज़ालिम मुक़द्दमा के सिलसिले में जारी क़ानूनी कार्रवाई पर अलतवा से इनकार कर दिया । अदालत ने रियास्ती हुकूमत को उनकी दरख़ास्त पर 6 मार्च तक जवाब देने की हिदायत दी ।
जस्टिस अनंत एस डावे ने संजीव भट्ट की दायर कर्दा दरख़ास्त की समाअत करते हुए ये नोटिस जारी की । उन्होंने जामनगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के हुक्मनामा को चैलेंज किया है जिसने दो दहिय क़दीम मुक़द्दमा में दरख़ास्त नज़रसानी दायर करने में ताख़ीर की बिना माफ़ी की ख़ाहिश की थी ।
अदालत ने रियास्ती हुकूमत से कहा है कि संजीव भट्ट की दरख़ास्त पर 6 मार्च को होने वाली आइन्दा समाअत में जवाब दाख़िल किया जाये । प्रभु दास वैष्णवी नामी शख़्स को 1990 में जामनगर टाउन के जिम खम्बलया में फ़िर्कावाराना फ़सादाद के दौरान गिरफ़्तार किया गया था ।
पुलिस तहवील से आज़ाद करने के अंदरून चंद यौम हॉस्पिटल में इसकी मौत वाक़्य हो गई थी । इसके बाद वैष्णवी के भाई अमृत लाल ने संजीव भट्ट और दीगर 6 के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी । डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जामनगर ने संजय भट्ट की ताख़ीर की बिना माफ़ी के लिए दायर कर्दा दरख़ास्त को मुस्तर्द कर दिया था जिसके बाद इस मुक़द्दमा में उनके ख़िलाफ़-ए-वज़ा इल्ज़ामात की राह हमवार हो गई ।