सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के आइपीएस अफ़सर संजीव भट्ट को राहत देते हुए उनके खिलाफ दायर एक एफआइआर पर किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह एफआइआर गुजरात के एडवोकेट जनरल तुषार मेहता ने कराई है। तुषार का इल्ज़ाम् है कि भट्ट ने उनके ईमेल को हैक कर अहम राज़दाराना जानकारी चुराई है।
आइपीएस अफ़सर संजीव भट्ट ने साल 2002 में भड़के फ़सादात के मामले में पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा था कि गुजरात के वज़ीरे आला नरेंद्र मोदी ने यह अहकाम दिए थे कि दंगों में शामिल हिंदुओं पर कोई कार्रवाई न की जाए। हालांकि इस बैठक में भट्ट मौजूद नहीं थे। पिछले साल अगस्त में भट्ट को उनके ओहदे से हटा दिया गया था.