संजीव भट्ट को स्कियोरटी केलिए मर्कज़ की हिदायत

अरकान ख़ानदान को भी तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम किया जाय , ओहदेदार को तहवील में लेने पुलिस नाकाम
नई दिल्ली 5 अक्टूबर (एजैंसीज़/ पी टी आई) मर्कज़ी वज़ारत-ए-दाख़िला ने गुजरात हुकूमत को हिदायत दी है कि वो मुअत्तल शूदा आई पी ऐस ओहदेदार संजीव भट्ट और उन की अहलिया स्वेता भट्ट के लिए इलावा दीगर अरकान ख़ानदान को मुनासिब सीकोरीटी फ़राहम करे। संजीव भट्ट और अरकान ख़ानदान को धमकीयां मिल रही थीं। भट्ट की अहलिया ने वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम को मकतूब रवाना करते हुए अपने शौहर और अरकान ख़ानदान की ज़िंदगीयों को लाहक़ संगीन ख़तरात से मुताल्लिक़ अंदेशों के दरमयान मुनासिब सीकोरीटी फ़राहम करने की दरख़ास्त की थी। संजीव भट्ट को एक पुलिस कांस्टेबल के डी की पंत की जानिब से भट्ट के ख़िलाफ़ एफ़ आई आर दर्ज किए जाने के सिलसिले में 30 सितंबर को गिरफ़्तार किया गया। के डी पंत ने भट्ट पर इल्ज़ाम आइद किया कि 27 फरवरी 2002-ए-को गुजरात फ़सादाद के दौरान चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की जानिब से तलब करदा इजलास से मुताल्लिक़ झूटे हलफनामा पर इन से ज़बरदस्त दस्तख़त हासिल की गई। मर्कज़ी वज़ारत-ए-दाख़िला ने भट्ट को लाहक़ ख़तरात का आज़ादाना तौर पर भी जायज़ा लिया है। वज़ारत-ए-दाख़िला ने रियास्ती हुकूमत को हिदायत दी है कि वो मुक़ामी तौर पर मिलने वाली धमकीयों के पेशे नज़र भट्ट को सीकोरीटी फ़राहम की जाय। इसी दौरान मुक़ामी अदालत ने गिरफ़्तार शूदा आई पी ऐस ओहदेदार संजीव भट्ट को हुकूमत गुजरात के तहवील में लेने की दरख़ास्त पर फ़ैसला महफ़ूज़ रखा है। रियास्ती हुकूमत ने कल ही सैशन अदालत में चैलेंज करते हुए मजिस्ट्रेट अदालती अहकाम पर एतराज़ किया था जिस ने भट्ट को पुलिस तहवील में लेने से इनकार किया है। सैशन जज जी एन पटेल ने केस की समाअत की। दोनों फ़रीक़ैन की बेहस की समाअत के बाद अपना फ़ैसला महफ़ूज़ रखा। समाअत के दौरान भट्ट के वकील आई ऐच सय्यद ने इस्तिदलाल पेश किया कि रियास्ती हुकूमत की जानिब से तहवील में देने की दरख़ास्त क़ानून के मुताबिक़ नहीं है। उन्हों ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का हवाला दिया कि तहवील में देने की दरख़ास्त को मुस्तर्द या मंज़ूर कर देने के बाद इस पर ताअज़ीरात-ए-हिंद की दफ़ा 397(2) के मुताबिक़ दुबारा नज़रसानी नहीं की जा सकती। सय्यद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के मुताबिक़ भट्ट को तहवील में लेने रियास्ती हुकूमत की दरख़ास्त क़ानून के मुताबिक़ नहीं क्योंकि इस दरख़ास्त पहले ही मुस्तर्द करदिया गया है। सरकारी वकील प्रवीण त्रिवेदी ने बेहस करते हुए कहा कि रियास्ती हुकूमत को हक़ हासिल है कि वो उस की दरख़ास्त मुस्तर्द कर दिए जाने के बाद नज़रसानी की दरख़ास्त पेश करे। अहकाम को महफ़ूज़ करदेने के बाद संजीव भट्ट ने जो अदालत में मौजूद थे जज से कहा कि वो अपने मुक़द्दमा का जायज़ा लेने चाहते हैं और अदालत के अहकाम के दौरान मौजूद रहना चाहते हैं लेकिन उन्हें बताया गया कि इन की मौजूदगी की ज़रूरत नहीं है।
ग़ुंडों से कोई समझौता नहीं
मोदी से मुफ़ाहमत से भट्ट का इनकार
अहमदाबाद । 4 । अक्तूबर (पी टी आई) मुअत्तल शूदा आई पी ऐस ऑफीसर संजीव भट्ट ने गुजरात की मोदी हुकूमत से मुफ़ाहमत करने से इनकार करदिया। जब एक मुक़ामी अदालत ने तजवीज़ पेश की थी कि अगर वो तीन घंटों केलिए पुलिस तहवील में जाने आमादा होजाएं तो उन की दरख़ास्त ज़मानत पर आज ही समाअत की जा सकती है । 2002 -ए-के गुजरात फ़सादाद में चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी पर अश्रार के साथ साज़ बाज़ का इल्ज़ाम आइद करने वाले संजीव भट्ट ने सैशन जज जी एन पटेल के इजलास पर रियास्ती हुकूमत की तरफ़ से पेश करदा दरख़ास्त नज़र-ए-सानी पर बेहस के दौरान ये जवाब दिया। संजीव भट्ट ने कहा कि मैं ग़ुंडों के साथ कोई मुफ़ाहमत नहीं करसकता। हुकूमत मेरे साथ जो कुछ भी ग़लत सुलूक करना चाहती है करसकती है। मुझे उस की कोई परवाह नहीं है । में इस को बर्दाश्त करसकता हूँ। भट्ट के वकील आई ऐच सय्यद पी टी आई से बातचीत के दौरान इन तफ़सीलात का इन्किशाफ़ किया