कार्यालयों के बहार से काम करने से रोज़ मर्रा के ट्रैफिक और अपने सहकर्मियों के हस्तक्षेप से आज़ादी तो मिल सकती है , परंतु इससे लोगो को अधिक काम, तनाव और अनिद्रा जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है , कहना है एक अध्यन का |
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमे उन्होंने तकनीकी विकास के कारण लोगो के अपने कार्यालयों के बाहर से काम करने के प्रभाव का अध्ययन किया है ।
आईएलओ की रिपोर्ट में उनका सह-लेखक, डबलिन आधारित अनुसंधान समूह ‘एयरोफॉउंड’ है । इस रिपोर्ट मे 10 यूरोपीय संघ के देशों के साथ अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के डाटा को शामिल किया गया है।
15 देशों से लिए डेटा के आधार पर आईएलओ ने पाया है कि पारंपरिक कार्यालयों से बाहर काम करने वाले कर्मचारी अधिक उत्पादक हैं परंतु उनके लिए “लंबे काम के घंटो,उच्च तीव्रता और घर के हस्तक्षेप के जोखिम भी हैं” ।
इस रिपोर्ट ने कर्मचारियों को तीन तरीके से विभाजित किया था – नियमित रूप से घर से काम करने वाले, अत्यधिक घूमकर काम करने वाले और वो कर्मचारी जो अपना काम अपने कार्यालय और अन्य किसी साइट के बीच बाँट देते हैं ।
इन तीनो श्रेणियों में कर्मचारी अधिक तनाव और अनिद्रा से ग्रस्त थे, जो कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियो के आंकड़ो से काफी ज़्यादा था ।
उदहारण के तोर पर 41 % घूम कर काम करने वाले कर्मचारियों ने कहा की वे तनाव से ग्रस्त रहते हैं ,जो आकड़ा कार्यालय से काम करने वाले कर्मचारियों के लिए 25 % था ।
घर या अन्य कई साइटों से काम करने वाले 42 % कर्मचारियों ने कहा की उन्हें अनिद्रा की परेशानी है , जो आंकड़ा अपने कार्यालयों से काम करने वालो के लिए 29 % था ।
इन सब आकड़ो के बावजूद रिपोर्ट के सह लेखक – ‘जॉन मैसेंजर’ ने कहा की वो कर्मचारियों को हफ्ते में 1 से 2 दिन कार्यालय के बाहर से काम करने के लिए प्रोत्सहित ज़रूर करेंगे क्योंकि यह उनकी मनोस्थिति के लिए बहुत अच्छा है ।
रिपोर्ट में इस बात के भी सबूत मिले हैं की लोगो के साथ मिलकर कार्यालय में काम करना लोगो के लिए अच्छा है परंतु कभी कबार अकेले काम करना ही अच्छे परिणाम देने में सहायता कर सकता है ।
“भारत के सन्दर्भ में इस रिपोर्ट से पता चलता है की यहाँ मालिक या मेनेजर अपने कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर काम नहीं करने देना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है की ऐसा करने से उनका नियंत्रण कम हो जायेगा । मालिको और मैनेजरो को अपना नियंत्रण खोने से डर लगा रहता है,” मैसेंजर ने कहा।