संयुक्त राष्ट्र में सुषमा स्वराज के भाषण पर भारत-पाक में ज़ुबानी जंग तेज़

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण के बाद भारत और पाकिस्तान में नए सिरे से वाकयुद्ध शुरू हो गया है. सुषमा स्वारज ने कहा, पाकिस्तान कश्मीर के सपने लेने छोड़ दे. सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में पाकिस्तान की सरकार से ये साफ करने को कहा कि क्यों उसका देश “आतंकवादियों की शरणस्थली” बना हुआ है. इसका जवाब देने के लिए संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि महिला लोधी ने “राइट टू रेप्लाई” का इस्तेमाल करते हुए भारतीय विदेश मंत्री की बातों को “झूठ का पुलिंदा” बताया था. भारत ने भी इसी अंदाज लोधी के बयान को खारिज कर दिया.

सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान को जम्मू कश्मीर के सपने लेना छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत को अपनी शांति कोशिशों के जबाव में सिर्फ आतंकवाद मिला है. वहीं लोधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर कभी “भारत का अभिन्न” नहीं हो सकता है और ये एक “विवादित क्षेत्र” है. उनके मुताबिक इसके अंतिम दर्जा का निर्धारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों के अनुसार होना अभी बाकी है.

वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत की एक वरिष्ठ राजनयिक ईनाम गंभीर ने कहा, “लगता है कि पाकिस्तान की माननीय प्रतिनिधि ने हमारी विदेश मंत्री की बातों को ठीक से नहीं सुना है.” उन्होंने कहा कि भारत लोधी के दिए “उपदेशों” को पूरी तरह खारिज करता है. उन्होंने सख्त भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि लोधी की राय एक “ऐसे नकारा राष्ट्र की राय है जो अपने ही लोगों पर अत्याचार कर रहा है और साथ ही सहिष्णुता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों का पाठ भी पढ़ा रहा है.”