संविधान बदलना आत्महत्या करने के बराबर: पीएम मोदी।

लोकसभा में संविधान पर बात करते हुए मोदी ने कहा: भारत ऐसा देश है जिसमे 12 त्यौहार मनाये जाते है और 1600 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती है। इन सबको ध्यान में रख कर कानून बनाने की क़ाबलियत सिर्फ बाबा साहेब आंबेडकर में ही थी। हम तो यहाँ एक कानून बनाने में भी सफल नहीं हो पा रहे है। मोदी ने कहा बाबा साहेब खुद ज़हर पी कर हमारे लिए अमृत छोड़ गए। उन्होंने पूरी उम्र अपमान झेला, वह चाहते तो अपने अपमान का बदला ले सकते थे लेकिन उस महान शख्सियत ने ऐसा करने की कभी नही सोची। अपनी बात जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि संविधान एक सामाजिक दस्तावेज है इसे बदलना आत्महत्या करने के बराबर है।