संवेदनशील मामलों पर शिवसेना का बयान हमेशा भड़काने वाला रहता है- कांग्रेस नेता

कांग्रेस के नेता अशोक च्‍वहाण ने राम मंदिर को लेकर शिवसेना के हालिया रुख पर पलटवार करते हुए कहा कि देश के लोग उद्धव ठाकरे से समझदारी की उम्‍मीद न करें।

हर दूसरे दिन वह नया बयान देते हैं। अयोध्‍या में राम मंदिर को लेकर भी उन्‍होंने कुछ वैसा ही बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय मुद्दों पर पर शिवसेना नेतृत्‍व ने कभी गंभीरता का परिचय नहीं दिया।

शिवसेना का इतिहास इस बात का गवाह है। उसका स्‍टैंड संवेदनशील मामलों पर हमेशा भड़काने वाला रहता है। अशोक चव्‍हान का बयान शिवसेना प्रमुख ठाकरे के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्‍होंने कहा कि मैं 25 नवंबर को अयोध्‍या का दौरा करूंगा।

महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता चुनावी लाभ हासिल करने के लिए अयोध्या में राम मंदिर बनवाने का जिक्र बार-बार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में शिवसेना राम मंदिर के नाम पर प्रदेश में वोटों के ध्रुवीकरण में जुटी है।

2014 के चुनाव के बाद से लेकर अभी तक शिवसेना को भगवान राम का ख्‍याल नहीं आया। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा है कि शिवसेना और भाजपा इसका राजनीतिक फायदा उठाकर जनता से उनके पक्ष में वोट करने को कह रहे हैं।

शिवसेना राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। जबकि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हमेशा गंभीरता का परिचय दिया है और हमारी पार्टी इसका लाभ नहीं उठाना चाहेगी।

उन्‍होंने कहा कि हमारा देश संविधान के आधार पर कार्य करता है। अदालतों द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा उस पर अमल किया जाएगा। केंद्र सरकार को भी इसी रुख पर काम करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि राम मंदिर विश्‍वास का विषय है।

लेकिन इसका विवाद इतना गंभीर और संवेदनशील मुद्दा बन चुका है कि इसका राजनीतिक समाधान उचित नहीं रहेगा। इसलिए सभी को चाहिए कि वो राम मंदिर विवाद का समाधान सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दें।