राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस ने विजय माल्या का मुद्दा उठाया। कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी लपेटने की कोशिश की है,उच्च सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस केस में केंद्र को भी पार्टी बनाया जाए।
आजाद ने सरकार को घेरते हुए कहा कि विजय माल्या कोई सुई नहीं है, जिन्हें पकड़ा नहीं जा सकता, वो एक किलोमीटर दूर से भी नजर आ सकते हैं।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में माल्या के मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने इसके लिए पिछली यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया. जेटली ने कहा सितंबर 2004 में माल्या को बैंकों की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. उन्होंने कहा कि माल्या को लोन यूपीए सरकार में मिला था।
बिजनेसमैन विजय माल्या के मुद्दे पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीएम सांसद एमबी राजेश और मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. करीब 17 सरकारी बैंकों का कर्ज चुकाने में नाकामयाब रहे विजय माल्या देश छोड़ चुके हैं।
बीजेपी सासंद किरीट सोमैया भी गुरुवार को शून्यकाल के दौरान लोकसभा में माल्या के मुद्दे को उठाएंगे।
You must be logged in to post a comment.