सईद के खिलाफ हवा में तीर चलाता रहा भारत

अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ भले ही एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा कर कर दी हो, पर 26/11 के मुंबई हमले में सईद के लीपित होने के पुख्ता सुबूत मिलने के बावजूद भारत कोई ठोस कार्रवाई करने में नाकाम‌ रहा है। इस मामले में पाकिस्तान को सईद और जकीउर रहमान लखवी को सौंपने के अनुरोध पत्र भेजकर भारतीय एजेंसियां बैठ गई।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एन आइ ए] के एक उच्च‌ अधिकारी ने कहा कि 26/11 के आतंकी हमले में हाफिज सईद और लखवी समेत पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारियों के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले हैं। इनके आधार पर इस सभी के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में ही चार्जशीट कर दी गई और अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए आरोप भी तय कर दिए। लेकिन पाकिस्तान में खुले घूम रहे आरोपियों को अदालत के सामने पेश करने की कोई कार्य योजना जांच एजेंसी के पास नहीं है। उसने एलआर भेजकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।

सईद के खिलाफ भारतीय एजेंसी की बेचारगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2009 में इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद भी सईद ने खुलेआम भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में संलिप्त है।

गृहमंत्री पी चिदंबरम ने एक बार फिर सईद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने का दावा किया हो। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस तरह के दबाव का कोई मतलब नहीं है। मुंबई के ही 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों का आरोपी दाऊद इब्राहिम पिछले दो दशक से पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संरक्षण में है। भारत ने सभी मंचों पर इसे उठाकर देख लिया, लेकिन पाकिस्तान पर कोई असर नहीं हुआ।