सउदी जेल में महरूस 40 वर्कर्स रिहा , सुषमा का बरवक़्त इक़्दाम

सउदी अरब की एक जेल से 40 हिन्दुस्तानी वर्कर्स जो एक साल से क़ैद-ओ-बंद की सउबतें झेल रहे थे , जुमा के रोज़ हिन्दुस्तान वापिस आए और उन की रिहाई के लिए तमाम तर कोशिशें करनेवाली कोई और नहीं बल्कि वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा सुषमा स्वराज हैं।

2 जुलाई को सुषमा स्वराज को इन हिन्दुस्तानी क़ैदीयों की हालत के बारे में बताया गया था जिन का ताल्लुक़ बिहार और राजिस्थान से है । उन्हों ने फ़ौरी तौर पर हरकत में आते हुए सउदी अरब में हिन्दुस्तानी सफ़ीर से राबिता क़ायम किया और उन्हें हिदायत की कि क़ैदीयों की आजलाना रिहाई के लिए कोशिशों का आग़ाज़ किया जाये और इस के बाद सफ़ीर साहिब भी हरकत में आगए और सउदी हुक्काम से राबिता क़ायम करने पर उन्हें मुसबत जवाब मिला।

मज़कूरा तमाम वर्कर्स सउदी अरब के मुक़द्दस शहर मक्का अल-मुकर्रमा की नेसमा ऐंड पार्टनर्स कंपनी में बरसर-ए-कार थे और 12 जून 2013 को एक अदालत-ए-आलिया के हुक्म पर उन्हें दो माह के लिए जेल में डाल दिया गया था लेकिन सुषमा स्वराज की बरवक़्त मुदाख़िलत से कंपनी ने तमाम 40 वर्कर्स को वापिस भेजने का किराया भी बर्दाश्त किया।

सुषमा स्वराज ने ना सिर्फ़ उन वर्कर्स की रिहाई के लिए बरवक़्त इक़्दामात किए बल्कि दुनिया में जहां-जहां भी हिन्दुस्तानी मिशन हैं और जहा हिन्दुस्तानी शहरी क़ैद-ओ-बंद की सउबतें झेल रहे हैं , उन्हें हिदायत की है कि वो उन के बारे में विज़ारत-ए‍-ख़ारिजा को मुकम्मल तफ़सीलात फ़राहम करे जिस के बाद हुकूमत इन सब को रिहा करवाएगी|