हैदराबाद 04 मई: हुकूमत तेलंगाना ने वज़ीर-ए-ख़ारजा सुषमा स्वराज से दरख़ास्त की है कि इस रियासत से ताल्लुक़ रखने वाले इन तारकीन-ए-वतन मेहनतकशों की मदद की जाये जिन्हें सऊदी अरब की एक तामीराती कंपनी (बिन लादन) ने मुबय्यना तौर पर बरतरफ़ कर दिया है।
ग़ैर मुक़ीम हिंदुस्तानियों के उमोर के रियासती वज़ीर केटी रामा राव ने सुषमा स्वराज के नाम अपने मकतूब में लिखा कि इस कंपनी ने पिछ्ले तीन माह के दौरान अपने तक़रीबन 50,000 मुलाज़िमीन को बरतरफ़ कर दी है और बरतरफ़ मुलाज़िमीन के वीज़े भी मंसूख़ कर दिए गए हैं। जिसके नतीजे में वो (मुलाज़िमीन) अब बेरोज़गार हो गए हैं और गुज़र बसर के लिए कोई ज़रीया आमदनी भी नहीं है और ना ही वो हिन्दुस्तान वापसी के मौक़िफ़ में हैं क्युं कि वीज़ा के बग़ैर गै़रक़ानूनी तौर पर मुक़ीम तारकीन-ए-वतन बन गए हैं। ये मुलाज़िमीन अगरचे कंपनी से रुजू हो रहे हैं लेकिन वो (कंपनी) उन्हें कोई जवाब नहीं दे रही है। के टी रामा राव ने कहा कि इन लोगें के अरकाने ख़ानदान उन के तहफ़्फ़ुज़-ओ-सलामती के बारे में भी काफ़ी परेशान हैं।