सऊदी अरब ने हाल में जिस महिला रोबोट को अपनी नागरिकता दी है, उसके पास सऊदी महिलाओं से कहीं ज्यादा अधिकार हैं। यही बात सऊदी महिलाओं को नागवार गुजर रही है।
दुनिया भर के मीडिया में छायी साऊदी अरब की महिला रोबोट का नाम सोफिया है। उसे आम सऊदी महिलाओं से ज्यादा अधिकार हैं जिन्हें सार्वजनिक रूप से अपना सिर ढंकना होता है और हमेशा किसी पुरुष सरपरस्त की निगरानी में रहना पड़ता है।
सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हाल में हुई टेक्नोलॉजी कांफ्रेस में इस रोबोट को पेश किया गया। सोशल मीडिया पर उसे लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है। हदील शेख नाम की एक महिला ने लिखा, “अजीब बात है कि एक रोबोट के पास नागरिकता है जबकि मेरी बेटी के पास नहीं है। हदील शेख के पति लेबनानी हैं और इसलिए उनकी बेटी को सऊदी नागरिकता नहीं दी गयी है।सऊदी अरब में नियम है कि अगर कोई महिला किसी विदेशी से शादी करती हैं तो उसके बच्चों को सऊदी नागरिक नहीं मिल सकती.
सोफिया पहली रोबोट है जिसे दुनिया के किसी देश की नागरिकता दी गयी है। यही नहीं, अगले साल से महिलाओं को ड्राइविंग और स्टेडियम में जाकर मैच देखने का अधिकार देकर भी सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बंटोरी हैं।
अमेरिका में रहने वाली सऊदी महिला अधिकार कार्यकर्ता मौदी अल जोहानी ने ट्वीट किया, “मैं तो यह सोच रही हूं कि क्या सोफिया को किसी पुरुष की अनुमति के बिना सऊदी अरब से बाहर जाने की अनुमति होगी।
सऊदी अरब ही नहीं, बल्कि बहरीन, कुवैत, लेबनान और जॉर्डन में भी जो महिलाएं विदेशी लोगों से शादी करती हैं, फिर उनके बच्चों को इन देशों की नागरिकता नहीं मिलती।
इक्वेलिटी नाउ संस्था के सऊद अबु दायेह कहते हैं, “इससे बहुत सी समस्याएं हो रही हैं.” यह संस्था महिलाओं के अधिकारों पर लगी बंदिशों को हटाने की मांग करती है। विदेशी लोगों से शादी करने वाली महिलाओं के बच्चों के बारे में दायेह कहते हैं, “उनका वहां जन्म हुआ, परवरिश हुआ, लेकिन वह उनका देश नहीं है।