सऊदी अरब को मिली इतिहास की पहली जीत, मिस्र को हराया, सलाह का गोल गया बेकार

नई दिल्ली, जेएनएन। फीफा विश्व कप में मिस्र का सफर बेहद निराशाजनक तरीके समाप्त हो गया। ग्रुप-ए में खेले गए अपने आखिरी लीग मुकाबले में उसे सऊदी अरब के हाथों 1-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी, जिससे वह चार टीमों के ग्रुप में चौथे स्थान पर रहा। सऊदी अरब की ओर से दोनों गोल पहले और दूसरे हाफ के इंजुरी टाइम में किए गए।

सलाह ने दिखाया दम : पहले हाफ में सऊदी अरब ने गेंद पर ज्यादा समय तक कब्जा बनाए रखा लेकिन स्टार स्ट्राइकर मुहम्मद सलाह ने मिस्र को शुरुआती बढ़त दिलाई। 22वें मिनट में अब्दुल्ला अल सईद से मिले पास को सलाह ने बेहद खूबसूरती से गोल पोस्ट में पहुंचाया। सलाह का यह इस विश्व कप में दूसरा गोल रहा। इससे पहले उन्होंने रूस के खिलाफ मुकाबले में पेनाल्टी के जरिये गोल किया था। हालांकि, इसके बाद भी उन्हें गोल करने का एक आसान मौका मिला जिसे वह चूक गए।

मौका-मौका : पहले हाफ में सऊदी अरब को दो पेनाल्टी मिलीं, लेकिन इसमें से एक मौके पर मिस्र के गोलकीपर इसाम अल हैदरी ने शानदार बचाव किया, लेकिन दूसरे मौके पर वह गोल होने से बचा नहीं पाए।  39वें मिनट में गेंद मिस्र के फाती के हाथों से टकराई और सऊदी अरब को पेनाल्टी किक मिली। पेनाल्टी लेने आए अल मुवालाद ने पूरी ताकत के साथ गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन विश्व कप खेलने वाले दुनिया के सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी इसाम ने इसका बचाव करके अपनी टीम को बड़ी राहत पहुंचाई। जब खेल इंजुरी टाइम में चल रहा था तब मिस्र के अली गबर ने अल मुवालाद को अपने बॉक्स में गिराया जिसके नतीजन रेफरी ने वीडियो असिस्टेंट तकनीक का सहारा लेकर सऊदी अरब को उपहार स्वरूप पेनाल्टी दी। इस बार पेनाल्टी लेने आए सलमान अल फराज ने इसाम की दायीं ओर से गोल करके अपनी टीम को हाफ टाइम से ठीक पहले बराबरी पर ला दिया।

दावसारी बने हीरो : दूसरे हाफ में मिस्र ने गोल करने के कई मौके बनाए। सलाह को भी गोल करने के कई मौके मिले लेकिन वह अपनी टीम को बढ़त नहीं दिला सके। खेल इंजुरी टाइम में पहुंच चुका था। अब्दुल्ला ओटेफ के पास पर सालेम अल दावसारी ने गोल करके सऊदी अरब को 2-1 की बढ़त पर ला खड़ा किया, जो अंत तक बरकरार रही।

एक जैसी रचना : फीफा विश्व कप 2018 में अपना आखिरी मुकाबला खेलने उतरी मिस्र और सऊदी अरब की टीमें एक जैसी रचना के साथ मैदान में उतरीं। दोनों टीमों ने 4-2-3-1 की रचना के साथ उतरने का फैसला किया। विश्व कप में मिस्र को उरुग्वे और रूस के खिलाफ शिकस्त मिली थी जबकि सऊदी अरब को भी इन्हीं दो टीमों के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी।

नंबर गेम-

– 45 साल के मिस्र के गोलकीपर इसाम अल हैदरी विश्व कप खेलने वाले सबसे बुजुर्ग फुटबॉलर बने। उन्होंने 43 की उम्र में विश्व कप खेलने वाले कोलंबिया के गोलकीपर फ्रायड मोनड्रागोन के रिकॉर्ड को तोड़ा।

1994 के बाद पहली बार सऊदी अरब ने विश्व कप में अपनी पहली जीत दर्ज की। वहीं मिस्र की टीम अब तक विश्व कप में कोई मैच नहीं जीत सकी है।