सऊदी अरब में खत्म हो रही है बहुत धूमधाम से शादियों का चलन!

तेल की दौलत से मालामाल सऊदी अरब में शादियां बहुत धूमधाम से करने का चलन रहा है. लेकिन अब चीजें बदल रही हैं और इसका असर शादियों पर भी पड़ रहा है. वहां अब बड़ी नहीं, बल्कि छोटी शादियां होने लगी हैं.

सऊदी अरब में बहुत से लोगों के लिए शादियां अपनी रईसी दिखाने का मौका होती हैं. कई लोग इसी से आपकी हैसियत का अंदाजा लगाते हैं कि आपकी शादी में कितने लोग आए. इस चक्कर में बड़ा खर्चा होता है, जो परिवारों को अकेले दम पर उठाना होता है. शादी के लिए बड़े बड़े हॉल किराए पर लेने से लेकर लजीज खानों और खातिरदारी का इंतजाम करना पड़ता है.

लेकिन बासिल अलबानी जैसे लोगों को इस तरह पैसा फूंकना कतई पसंद नहीं है. ऐसे लोगों की तादाद सऊदी अरब में बढ़ रही है जो अपने घर पर भी शादी की पार्टियां आयोजित कर रहे हैं. वे पारिवारिक परंपराओं और सामाजिक दबाव से बेपरवाह होकर बचत करने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

26 साल के अलबानी इंश्योरेंस एक्जीक्यूटिव हैं और उन्होंने हाल में अपनी शादी में दो दर्जन से भी कम दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाया था. उन्होंने जेद्दाह में अपने पुश्तैनी घर में शादी की पार्टी रखी जिसमें चावल और गोश्त से बनने वाली डिश कब्सा तैयार की गई थी. सऊदी शादियों के लिहाज से देखें तो यह काफी सादी और छोटी पार्टी थी.

हाल के सालों में तेल के घटते दामों के कारण सऊदी अरब की आमदनी कम हुई है और सरकार खर्च घटाने वाले कदमों पर जोर दे रही है. हालांकि सऊदी अरब में सबसे ज्यादा अमीर लोग रहते हैं. लेकिन अब चीजें बदल रही हैं. युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी के बीच सरकार ने कई तरह की सब्सिडियां खत्म करने के साथ साथ नए टैक्स भी लगाए हैं, जिससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ने लगा है.

ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब सऊदी अरब में सब कुछ टैक्स फ्री हुआ करता था. लेकिन सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान देश की अर्थव्यवस्था को विविध बना कर तेल पर उसकी निर्भरता खत्म करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने कई बड़ी आर्थिक बदलाव किए हैं.

इसी का असर शादियों पर भी दिख रहा है. सऊदी अरब में शादियों पर हर साल दो अरब रियाल यानी 53.3 करोड़ डॉ़लर खर्च होते हैं. पूरी अरब दुनिया में कहीं भी लोग शादियों पर इतना खर्च नहीं करते. लेकिन पिछले एक साल में सऊदी अरब में शादियों पर होने वाले खर्च में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है. रियाद में शादी के कार्ड छापने वाले एक रिटेलर का कहना हे कि अब लोग सस्ते दामों में अच्छा डिजाइन मांग रहे हैं.

ऊबर की टैक्सी चलाने वाले 29 साल के मुरतदा अल अबावी कहते हैं, “शादी की शुरुआत बैंक लोन से नहीं होनी चाहिए.” सऊदी अरब में एक सामान्य शादी पर लगभग 80 हजार रियाल यानी 15 लाख रुपये का खर्च आता है, जिसके लिए अबावी तैयार नहीं थे.

जब 2016 में उन्होंने अपने घर में बताया कि वह स्थानीय कम्युनिटी हॉल में एक छोटे से आयोजन में अपनी शादी करना चाहते हैं, तो उनके घर में तूफान खड़ा हो गया. बड़े भाई से तो उनकी हाथापाई भी हो गई जिन्होंने अबावी के आइडिया को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि लोग उनके परिवार को गरीब समझेंगे.

साभार- ‘डी डब्ल्यू हिन्दी’