सऊदी अरब मुस्तक़बिल में तेल की क़िल्लत को दूर करसकता है

लंदन 1 फरवरी (राइटर्स) सऊदी अरब मुस्तक़बिल में आलमी सतह पर होने वाली तेल की क़िल्लत को दूर करसकता है। वज़ीर तेल अली अलनईमी ने कहा कि बड़े पैमाने पर की गई सरमाया कारी की वजह से सऊदी अरब अपने गैस की पैदावार को बढ़ा रहा है। इस का मतलब ये हुआ कि अंदरून-ए-मुल्क तवानाई के मुतालिबा को पूरा करने के बावजूद ख़ाम तेल की बरामदात पर असर नहीं पड़ेगा ईरान और मग़रिब के दरमयान बढ़ती कशीदगी से मशरिक़-ए-वुसता के ज़रीया तेल की सरबराही में ख़लल अंदाज़ी के अंदेशे पैदा हो रहे हैं। अमरीका और योरोपी यूनीयन ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के ख़िलाफ़ अपना मोरचा बना लिया है।

दोनों ग्रुपस ईरान पर दबाउ डाल रहे हैं कि इस पर तहदीदात नाफ़िज़ करते हुए तहलील पर पाबंदी आइद करेंगे। जबकि ईरान का कहना है कि वो बाअज़ मख़सूस ममालिक को अपनी तेल की सरबराही मस्दूद करदेगा। उन्हों ने कहा कि सऊदी अरब तेल की क़िल्लत को कम करने का बेहतरीन मुक़ाम है। उन्हों ने लंदन में तेल कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए कहा कि

मैं ये बताना चाहूंगा कि सऊदी अरब में तेल की सरबराही मुस्तहकम है।दुनिया का सब से आला ख़ाम तेल सरबराह करने वाले मलिक ने पहले ही गर्मा के दिनों में अपने बर्क़ी प्लांटस में 10 फ़ीसद पैदावार को ज़ाए कररहा है। नईमी ने कहा कि इस माह के अवाइल में सऊदी अरब दो मिलयन बी पी डी के क़रीब तेल की पैदावार में इज़ाफ़ा करेगा।