सऊदी अरब में चांद नज़र नहीं आया, इतवार को पहला रोज़ा

(सियासत डाट काम) सऊदी अरब में चांद नज़र नहीं आया, बरोज़ हफ़्ता 30 शाबान होगी और इतवार को यक्म रमज़ानुल मुबारक पहला रोज़ा होगा। सऊदी अरब के मजलिस आला के मुताबिक़ ख़लीजी मुल्कों में रवैय्यत की तौसीक़ नहीं हुई। इसलिए रमज़ानुल मुबारक का इतवार से आग़ाज़ होगा।

हुकूमत सऊदी अरब ने रमज़ान के मौक़ा पर हरमैन शरीफ़ैन में वसीअ तर इंतेज़ामात किए हैं। हरम शरीफ़ में अक़्ता आलिम से आने वाले रोज़ेदारों के लिए तौसीअ प्रोजेक्ट के तहत ख़ास सहूलतें फ़राहम की गई हैं। ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन शाह अबदुल्लाह बिन अबदुलअज़ीज़ ने मक्का मुअज़्ज़मा और मदीना मुनव्वरा में रमज़ान के ख़ुसूसी इंतेज़ामात को तर्जीह दी है।

सऊदी अरब के उल्मा कौंसल का इजलास मुनाक़िद हुआ जिस में रवैय्यत की तसदीक़ की गई। सऊदी अरब ,दुबई के इलावा दीगर ख़लीजी ममालिक में इतवार से रमज़ानुल मुबारक का आग़ाज़ होगा। 30 साल बाद सब से तवील रोज़ा होगा । रमज़ान के इब्तिदाई अय्याम में रोज़ा 15.8 घंटे का होगा और इख़्तेतामी अय्याम में 14.50 घंटे का होगा ।

हुकूमत सऊदी अरब ने रमज़ान के दौरान ग़ैर मुसलमानो की जानिब से इस माह का एहतेराम ना करने पर सख़्त इंतेबाह दिया है जो अफ़राद रमज़ान का एहतेराम नहीं करेंगे और दिन के औक़ात में खाने पीने का अमल जारी रखेंगे तो उन्हें ख़ारिज कर दिया जाएगा ।

मुत्तहदा अरब इमारात में इतवार से रमज़ान उल-मुबारक का आग़ाज़
दुबई: मुत्तहदा अरब इमारात से मुहम्मद हुसैन कादरी आरिफ़ के बमूजब इमारात में डाक्टर हदफ़ बिन जवान अल ज़ाहरी मिनिस्टर आफ़ जस्टिस की सदारत में दीगर मेम्बरान के हमराह रवैय्यत हिलाल का एहतिमाम किया गया। चांद नज़र ना आने पर 28 जून को 30 शाबान अल मुअज़्ज़म और 29 जून को यक्म रमज़ान उल-मुबारक (पहला रोज़ा) का ऐलान किया गया।

माहे सियाम की आमद से क़ब्ल अमीरात के सदर शेख़ ख़लीफ़ा बिन ज़ाइद अल नीहान ने अबूधाबी की जेल में बंद क़ैदीयों में से 969 अच्छे किरदार वाले क़ैदीयों को रिहा करने का ऐलान किया, ताकि ये लोग अपने अफ़राद ख़ानदान के साथ रमज़ानुल मुबारक की बरकतें हासिल कर सकें।

अमीरात मारात के नायब सदर, वज़ीर-ए-आज़म और हाकिम दुबई शेख़ मुहम्मद राशिद अल मकतोम ने दुबई की जेलों में महरूस मुख़्तलिफ़ ममालिक के क़ैदीयों में से 892 क़ैदीयों को रिहा करने का हुक्म दिया। रमज़ानुल-मुबारक की आमद से क़ब्ल अमीरात के शहरों में बड़े बड़े खे़मे लगाए गए, जहां पर हुकूमत की जानिब से मुफ़्त अफ्तार का इंतेज़ाम किया जाता है, जिस से मुख़्तलिफ़ ममालिक के रहने वाले मुसलमान इस्तिफ़ादा करते हैं।