सऊदी अरब में चार क़ातिल शहरीयों के सर क़लम

सऊदी हुक्काम (अधिकारीयों) ने क़त्ल के दो मुक़द्दमात में मुलव्विस अपने चार शहरियों के सर क़लम कर दीए हैं, ये बात वज़ारत-ए-दाख़िला (गृह मंत्रालय ) ने बताई। रियासती ख़बररसां इदारा एस पी आई को मिलने वाले एक बयान में वज़ारत ने कहा कि एक सऊदी शहरी ख़ालिद बिन सय्यद अलसमारी को ममलकत (देश) के जुनूब (दक्षिण ) में असीर के इलाक़े अब्हा में फांसी दी गई, इस ने एक तनाज़ा पर साथी सऊदी बाशिंदे अबदुल्लाह बिन साद अलमसमा को मार मार कर हलाक कर दिया था।

वज़ारत ने कहा कि एक और मुक़द्दमे में तीन शहरियों को ममलकत (देश) के जुनूबी (दक्षिणी ) इलाक़े क़ाइफ़ में एक डकैती के बाद एक भारती बाशिंदे को हेमो अहमद को पहले ज़द्द-ओ-कूब करने और फिर गोली मार कर क़त्ल करने के जुर्म में सज़ाए मौत दी गई। हुसैन बिन अहमद शिवी ख़ात, अबदुलअज़ीज़ बिन हसन अलमातोक़ और हुसैन बिन इब्राहीम अलमातोक़ का सर क़लम किया गया, उन्हों ने अहमद को पहले ज़द्द-ओ-कूब किया और फिर राइफ़ल से गोली मार दी।

वज़ारत ने कहा कि ये तीनों सऊदी बाशिंदे इलाक़े में दीगर कई मुसल्लह (सशस्त्र) डकैतियों के भी मुजरिम साबित हुए हैं। सरकारी इत्तिलाआत की बुनियाद पर ए एफ पी के इकट्ठे किए गए आदाद-ओ-शुमार (आँकड़ों) के मुताबिक़ सऊदी अरब में इस साल अब तक 4 अफ़राद के सर क़लम किए जा चुके हैं। ए एफ पी के आदाद-ओ-शुमार (आँकड़ों) के मुताबिक़ 2011 में कम अज़ कम 6 अफ़राद का सर क़लम किया गया था, जबकि इंसानी हुक़ूक़ के ग्रुप एमन्सिटी इंटरनेशनल के मुताबिक़ गुज़श्ता साल फांसीयों की तादाद 9 थी।

सऊदी अरब में मुख़्तलिफ़ जराइम बिशमुल जिन्सी ज़्यादती, अरतददाद, मुसल्लह (सशस्त्र) डकैती और मुनशियात की नक़्ल-ए-हमल समेत इस्लामी शरीयत के मुताबिक़ क़त्ल के जराइम पर मौत की सज़ा दी जाती है।