सऊदी अरब में तारकीने वतन ख़ासकर गै़रक़ानूनी वर्कर्स के लिए बोहरान में शिद्दत पैदा होगई है। सऊदी ताजरीन पेशावर अफ़राद परेशान हैं।
ख़ासकर घरेलू ख़ादमाव छोटे काम करने वाले वर्कर्स की कमी पैदा होने से सऊदी अरब के शहरीयों और ताजिरान को मसाइल का सामना करना पड़ेगा।
हुकूमत सऊदी ने लेबर तबक़ा के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का फ़ैसला किया है तो इस से लेबर की क़िल्लत पैदा होगी । वज़ारत लेबर ने फ़ैसला किया है के सिर्फ़ कंपनीयों का मुआइना करेगा।
ख़ानगी घरों पर धावे नहीं किए जाऐंगे। ये अफ़्वाहें फैल रही हैं के सरकारी इदारे और वज़ारतों के ज़िम्मा दारान शहरीयों के घरों पर धावे करेंगे और गै़रक़ानूनी वर्कर्स का पता चला कर उन्हें गिरफ़्तार किया जाएगा।
वज़ारत लेबर के तर्जुमान ने कहा कि उनकी वज़ारत ने ख़ातून ओहदेदारों की मदद से घरों का मुआइना करने की मुहिम शुरू करने का इरादा नहीं किया है। इस के अलावा तारकीने वतन की बड़ी तादाद ने जुर्माने और सज़ा से बचने के लिए अपने वतन वापसी का आग़ाज़ कर दिया है।
इतवार के दिन मोहलत ख़त्म होने के बाद तक़रीबन एक मिलियन (10 लाख ) तारकीने वतन सऊदी अरब छोड़ेंगे । इन में बंगला देश फ़िलपाइन हिंदुस्तान नेपाल पाकिस्तान और यमन के अलावा दुसरे मुल्कों से ताल्लुक़ रखने वाले वर्कर्स हैं।
चार मिलियन वर्कर्स ने अपने अकामा दरुस्त कर लिए हैं कई मुल्कों ने हुकूमत सऊदी अरब से अपील की थी कि वो तारकीने वतन के ख़िलाफ़ आम माफ़ी की मोहलत में तौसीअ करे लेकिन हुकूमत सऊदी अरब की तरफ से कोई रद्द-ए-अमल ज़ाहिर नहीं किया गया।
गै़रक़ानूनी वर्कर्स की बड़ी तादाद अपने वतन वापिस जाने के लिए जेद्दाह में उख़र अजी सेंटर के बाहर क़तार में खड़े हैं ताकि अपने दस्ताविज़ात हासिल कर सकीं।
जबकि इमिग्रेशन ने कल कहा था कि एक अंदाज़ा के मुताबिक़ 9,00,000 अफ़राद को क़तई एग्ज़िट वीज़ा के साथ मुल्क छोड़ना पड़ेगा। कई तारकीने वतन ने अकामा हासिल करने के लिए सऊदी स्पांसर को हज़ारों रयाल दिए हैं बाअज़ की क़िस्मत अच्छी थी कि उन्हें 10 हज़ार रियाल ख़र्च करने पर नया कफ़ील मिल गया लेकिन बाअज़ की क़िस्मत फूट गई है जिन्हें हज़ारों रियाल देने के बावजूद कफ़ील ने धोका दिया है। इथोपिया के एक वर्कर ने बताया कि इस ने स्पांसर के लिए 20 हज़ार रियाल अदा किए थे लेकिन वो धोका दे कर ग़ायब होगया।