सऊदी अरब में 150 साल पुरानी लाशें ताज़ा बरामद

अल्लाह के नेक बंदे मरने के बाद भी मुनव्वर चेहरों के साथ मौजूद रहते हैं । इस तरह का एक वाक़्या सऊदी अरब के जुनूब मग़रिब में वाक़्य मुल्क के सबसे बड़े सयाहती सूबा मंतिक़ा असीर में पेश आया । खुदाई के दौरान तक़रीबन ढेढ़ सदी पुराने मक़बरे से लाशें सही सलामत सूरत में बरामद हुईं हैं ।

दो लाशें दुरुस्त शक्ल सूरत में महफ़ूज़ थीं । अल्लाह के नेक बंदों के लाशों की ताज़गी और उनके मुनव्वर चेहरों को देखने के लिए लाखों अवाम जमा होने लगे । अरब जरीदा सबक़ अलालीकटरोनीह की रिपोर्ट के मुताबिक़ ख़मीस मशियत नामी मुक़ाम पर एक फाईव स्टार होटल और शॉपिंग माल की तामीर के लिए खुदाई का काम जारी है ।

गुज़श्ता चहारशंबा के रोज़ खुदाई के दौरान कुछ क़ब्र की मौजूदगी के आसार पाए गए । प्रोजेक़्ट पर काम करने वाले अफ़राद ने मज़कूरा जगह की तहक़ीक़ की । वहां मौजूद गढ़ों से दो लाशें बरामद हुईं । ऐनी शाहिदीन के मुताबिक़ दोनों लाशें ताज़ा और किसी किस्म के गर्द-ओ-गुबार से पाक महफ़ूज़ थीं ।

इंजनीयरों ने सूबा असीर के इलाक़ा ख़मीस मशियत की मस्जिद के इमाम शेख़ अहमद बिन मुहम्मद इलावाशि को वाक़्या के मुशाहिदा के लिए तलब किया । शेख़ ने आकर ख़ुद सूरत-ए-हाल का मुशाहिदा किया और लाशों की ज़यारत की ।

अरब की रिवायत की गंद विम्मी रंगत के हामिल दाढ़ी से आरास्ता और मुनव्वर चेहरों के ख़द्द-ओ-ख़ाल से मालूम होता है कि ये लाशें किसी आलम दीन , हाफ़िज़-ए-क़ुरआन या शोहदा की हैं । चेहरों पर तर व ताज़गी थीं । लाशें ख़ुशबू में बसी हुईं नूर के हाले में मुक़य्यद थीं । उन मासूम चेहरों ने वहां पर मौजूद देखने वालों को हैरतज़दा कर दिया ।

इंजनीयर्स ने यहां काम रोकने और कब्र को ढाँकने पर ज़ोर दरख़ास्त करते हुए कहा कि इन क़ब्रों का एहतेराम किया जाए । इंजनीयर्स ने लाशें निकालने के बाद डॉक्टर्स की टीम को तलब किया । टीम ने तहक़ीक़ात और मुआइना के बाद बताया कि लाशों की उम्र 150 साल से कम नहीं हो सकती ।

मालूम होता है कि ये अफ़राद एक सदी क़ब्ल फ़ौत हुए हैं ताहम इनकी लाशों में तब्दीली रौनुमा ना होने की कोई तकनीकी या साईंसी वजह बताने से भी क़ासिर हैं । मुर्दों के अजसाम को महफ़ूज़ रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं से पूरी तरह पाक होने का मतलब यही है कि ये मोजिज़ा हो सकता है ।