सऊदी अरब की सुप्रीम कोर्ट ने ब्लॉगर राइफ़ बदावी को सुनाई गई दस साल क़ैद और एक हज़ार कोड़े मारने की सज़ा बरक़रार रखी है। बदावी को ये सज़ा गुज़िश्ता साल मई में तौहीने मज़हब के इल्ज़ाम में सुनाई गई थी जिस पर जुज़्वी तौर पर अमल दरामद भी हुआ था।
रवां बरस के आग़ाज़ में जद्दा की एक मस्जिद के बाहर राइफ़ बदावी को पहली क़िस्त में 50 कोड़े मारे गए थे जिस पर आलमी बिरादरी की जानिब से शदीद रद्दे अमल सामने आया था।
इस आलमी तन्क़ीद के बाद पहले तो उन की सज़ा पर अमल दरामद कई बार मुल्तवी किया गया और फिर सऊदी शाह के दफ़्तर ने सज़ा पर नज़रे सानी के लिए सुप्रीम कोर्ट से रुजू किया था। ताहम अब सऊदी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दी गई सज़ा को बरक़रार रखा है।