सऊदी राजकुमार के इस्राईल प्रेम पर फ़िलिस्तीनी गुटों ने की निंदा

फ़िलिस्तीनी गुटों ने सऊदी युवराज मुहम्मद बिन सलमान की ओर से ज़ायोनी शासन को मान्यता दिए जाने को सऊदी अरब की ओर से इस्राईल की मुफ़्त सेवा और फ़िलिस्तीनी लक्ष्य से मुंह मोड़ने के समान बताया है।

फ़िलिस्तीन की मुक्ति के डेमोक्रेटिक मंच के सदस्य तलाल अबू ज़ुरैफ़ा ने बिन सलमान के बयान को निंदनीय व अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि यह बयान फ़िलिस्तीनी लक्ष्य के लिए गंभीर ख़तरे को दर्शाता है। फ़िलिस्तीन के साबेरीन आंदोलन ने भी घोषणा की है कि बिन सलमान ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि फ़िलिस्तीन की धरती अतिग्रहणकारियों के लिए है और इस बयान के माध्यम से उन्होंने खुल कर ज़ायोनी शासन से संबंध बहाली की घोषणा कर दी है।

 

फ़िलिस्तीन की मुक्ति के जनमोर्चा की केंद्रीय समिति के सदस्य काइद ग़ूल ने भी कहा है कि मुहम्मद बिन सलमान के बयान ने पिछले बरसों में सऊदी अरब और ज़ायोनी शासन के बीच जारी गुप्त संबंधों को उजागर कर दिया है। ज्ञात रहे कि सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान ने अमरीका की एटलांटिक पत्रिका को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा है कि इस्राईल के साथ सऊदी अरब के अनेक संयुक्त हित हैं और इस्राईल के लोगों को अपनी धरती में शांति के साथ जीवन बिताने का अधिकार है।