सऊदी अरब में रजत पसंदों ने ऑनलाइन पर एक मुहिम शुरू कर रखी है जिसका मक़सद दिसंबर में मुल्क में ख़वातीन को वोट के पहले मौक़ा की मुख़ालिफ़त करना है। लेकिन उनके मुक़ाबले में सोशल मीडिया के सारिफ़ीन मैदान में उतर आए हैं जो तंज़ और मज़ाह के ज़रीए मुआशरे में ख़वातीन के मुक़ाम की तरवीज कर रहे हैं।
सऊदी अरब में ख़वातीन पहली बार ना सिर्फ अपना हक़ रायदही इस्तेमाल कर सकेंगी बल्कि बल्दीयाती इंतिख़ाबात भी लड़ सकेंगी। अलबत्ता एक क़दामत पसंद गिरोह ने हाल ही में मुल्क के मुफ़्ती-ए-आज़म से मुलाक़ात में ज़ोर दिया है कि वो इस मुआमले में मुदाख़िलत करें और इंतिख़ाबात में ख़वातीन को शिरकत से रोकें।