नई दिल्ली
पी डी पी ने कहा कि गिलानी को इंसानी बुनियादों पर पासपोर्ट जारी किया जाना चाहिए, ताकि वो सऊदी अरब में ज़ेर-ए-इलाज अपनी अलील दुख़तर की इयादत करसकें।
बी जे पी ने पुरज़ोर अंदाज़ में कहा कि उन्हें सफ़री दस्तावेज़ात उस वक़्त तक जारी नहीं की जानी चाहिऐं, जब तक कि वो अपनी क़ौम दुश्मन सरगर्मीयों के लिए माज़रत ख़्वाही ना करें। मर्कज़ ने कहा कि पासपोर्ट की दरख़ास्त पर तमाम रस्मी कार्यवाईयों की तकमील के बाद ही ग़ौर किया जाएगा और इशारा दिया कि वो पासपोर्ट के इजरा का मुख़ालिफ़ नहीं है।
सैयद अली शाह गिलानी अपने अलाहदगी पसंद रुजहान और पाकिस्तान की ताईद के लिए शौहरत रखते हैं। उन्होंने कभी ख़ुद को हिन्दुस्तान का शहरी क़रार नहीं दिया। पासपोर्ट जारी करने का मतलब उन को हिन्दुस्तानी शहरी तस्लीम करने के मुतरादिफ़ होगा।