हैदराबाद 02 नवंबर: सरकार सचिवालय को दो सप्ताह तक ध्वस्त नहीं करेगी। हैदराबाद हाई कोर्ट ने आज सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल रामा कृष्णा रेड्डी लिखित आश्वासन प्राप्त हुए इसे रिकॉर्ड किया।
न्यायाधीश रमेश रंगा नाथन और न्यायमूर्ति ए शंकर नाराईना ने कांग्रेस विधायक श्री टी जीवन रेड्डी की ओर से दाखिल किए गए अनुरोध जनहित सुनवाई के दौरान सरकार को निर्देश दिया कि अंदरून दो सप्ताह आगामी सुनवाई 14 नवंबर से पहले अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करे।
सरकार की ओर से सचिवालय की इमारत को ध्वस्त करने की योजना और मह्कमाजात स्थानांतरण आदेश विचाराधीन जारी करने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि सरकार अपना प्रक्रिया जारी रख सकती है लेकिन कोई विध्वंस कार्यवाइ न की जाए।
विधायक कांग्रेस श्री टी जीवन रेड्डी की ओर से दाखिल रदा आवेदन जनहित सुनवाई के दौरान अदालत ने खारिज किया कि अदालत अब ओज्योके अनुसार न होने वाली इमारतों के विध्वंस के मामलों में भी हस्तक्षेप या इन इमारतों के बारे में हस्तक्षेप करेगा जिनमें अग्नि सुरक्षा नहीं है? दरख़ास्त गुज़ार के वकील श्री सत्यम रेड्डी ने अदालत को बताया कि 1986-87 में बनी इमारतें मजबूत हैं लेकिन इन इमारतों को वास्तव के अनुसार न होने का बहाना करते हुए ध्वस्त किया जा रहा है इसलिए सरकार इन गतिविधियों पर रोक लगाई जानी चाहिए।
अदालत ने स्पष्ट किया कि इस कदम के सरकार से संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन तो नहीं की जा रही है इस बात का समीक्षा की जानी है। एडवोकेट जनरल ने अदालत को तमिलनाडु और कर्नाटक के सचिवालय निर्माण में पैदा की गई इसी तरह की बाधाओं को अदालत की ओर से खारिज किए जाने के तर्क पेश करते हुए कहा कि सरकार के मद्देनजर अग्नि सुरक्षा और अन्य सयान्ती मामलों को बेहतर बनाने के लिए नए सचिवालय का निर्माण की योजना है।