सच्चर कमेटी सिर्फ मुसलमानो के लिएः मोदी

करीब आते इलेक्शन की वजह से एक तरफ नरेंद्र मोदी मुस्लिमों को रिझाने और एतेदाल पसंद की शबिया पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरी तरफ उनकी हुकूमत ने सच्चर कमेटी की नुक्ताचीनी (Criticism) की है।

इं‌डियन एक्‍सप्रेस की ख्‍ाबर के मुता‌बिक यूपीए हुकूमत की प्री-मैट्रिक मायनारिटी स्कोलरशिप स्कीम को ‘एकतरफा और इम्तियाज़ी’ करार देते हुए गुजरात हुकूमत ने सुप्रीम कोर्ट से शिकायत की है।

मोदी की हुकूमत ने कोर्ट से कहा कि राजेंद्र सच्चर की अगुवाई में तश्कील कमेटी गैर कानूनी है, क्योंकि ‘इसका मकसद सिर्फ केवल मुस्लिमों की मदद करना था।’

मरकज़ी हुकूमत का कहना था कि यह स्कीम जाय्ज़यानी दुरूस्त है और गुजरात में मुसलमानों की बिगड़ती हालात के लिए सिर्फ मोदी की हुकूमत जिम्मेदार है। इसके जवाब में दाखिल हलफनामे में गुजरात की हुकूमत ने उस तरीके की तंकीद की, जिसके तहत 2005 में पीएमओ ने सच्चर कमेटी (Sachar Committee) की तश्कील की ।

रियासत की हुकूमत का कहना है कि इस कमेटी ने केवल मुसलमानों की सामाजी और इक्तेसादी हालात का जायजा लिया, जबकि दूसरे मज़हबी अक्लीयती ग्रुपों (Minority groups) को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।

इसमें कहा गया है, “सच्चर कमेटी न तो आइनी (Constitutional) है और न ही कानूनी । उसने सिख, ईसाई, बौद्ध , पारसी जैसे अक्लीयतों पर जरा भी गौर नहीं किया। इसलिए स्कोलरशिप स्कीम के लिए इसे बुनियाद नहीं बनाया जा सकता…कमेटी का मकसद सिर्फ मुसलमानो की मदद करना था।