नई दिल्ली: ला कमीशन सजा ए मौत को खत्म किए जाने के हक में है। कमीशन की राय है कि सजा ए मौत सिर्फ दहशतगर्दाना मामलों में ही होनी चाहिए। कमीशन की 272 पेज की ड्राफ्ट रिपोर्ट उसके मेम्बर्स में तक्सीम की गई है। रिपोर्ट में कानून की किताब से सजा ए मौत को खत्म करने की बात कही गई है।
हिंदुस्तान उन 59 ममालिक में से एक है जहां सजा ए मौत बरकरार है। मौत की सजा का मुद्दा हाल में 30 जुलाई को याकूब मेनन को फांसी दिए जाने के बाद से गरमा गया था और इसकी ताईद और अपोजिशन में चर्चाएं होने लगी थी।
काबिल ए ज़िक्र है कि 1962 में ला कमीशन ने अपनी रिपोर्ट ने सजा एमौत को बनाए रखने की सिफारिश की थी। आखिरी रिपोर्ट को इसी हफ्ते या आइंदा पीर के रोज़ पेश किए जाने के इम्कान है। ज़राये के मुताबिक इस मुद्दे पर कमीशन के मेम्बर्स में इत्तेफाक राय नहीं है। कई रुकन इसके मुखालिफ में हैं।
रिटायर्ड जस्टिस ए पी शाह की सदारत वाले ला कमीशन का काम करने की मुद्दत 31 अगस्त को खत्म हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजश्ता साल ला कमीशन से इस मुद्दे पर मुताआला ( स्टडी) करने और अपनी रिपोर्ट देने को कहा था।