शहर की नुमाइंदा मुस्लिम तंज़ीमों और जमातों के क़ाइदीन पर मुश्तमिल एक वफ़द ने चीफ़ सेक्रेटरी पी के मोहंती से मुलाक़ात की और स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड शेख़ मुहम्मद इक़बाल की तरफ से दरगाहों के मुतवल्लियों के ख़िलाफ़ यकतरफ़ा कार्यवाईयों की शिकायत की।
वफ़द ने जिस की क़ियादत मुहम्मद अबदुर्रहीम क़ुरैशी सदर मजलिस तामीरे मिल्लत कर रहे थे, चीफ़ सेक्रेटरी को एक याददाश्त पेश की जिस में पिछ्ले तीन माह के दौरान स्पेशल ऑफीसर की तरफ से की गई कार्यवाईयों की तफ़सील बयान की गई।
वफ़द ने कहा कि एक मंसूबा बंद साज़िश के तहत सज्जादगान और मुतवल्लियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है ताकि अवाम ने इन का वक़ार मजरूह हो। वफ़द ने चीफ़ सेक्रेटरी से मुतालिबा किया कि स्पेशल ऑफीसर को फ़ौरी तबदील किया जाये ताकि वक़्फ़ बोर्ड की कारकर्दगी को बेहतर बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड को तबाही से बचाने के लिए स्पेशल ऑफीसर की तबदीली नागुज़ीर है। चीफ़ सेक्रेटरी ने मुस्लिम नुमाइंदा मज़हबी शख़्सियतों की बग़ौर समाअत की और तीक़न दिया कि वो उनकी याददाश्त रियासती गवर्नर ई एस एल नरसिम्हन को पेश करेंगे।
बताया जाता हैके चीफ़ सेक्रेटरी ने मुतवल्लियों-ओ-सज्जादगान के ख़िलाफ़ यकतरफ़ा कार्यवाईयों पर तशवीश का इज़हार किया। वफ़द में मौलाना सय्यद क़बूल पाशाह कादरी शुतारी जनरल सेक्रेटरी अंजुमन सज्जादगान-ओ-मुतवल्लियान , मौलाना सय्यद शाह अली अकबर निज़ाम उद्दीन हुसैनी साबरी सज्जादा नशीन-ओ-मुतवल्ली दरगाह हज़रत शाह ख़ामोश , मौलाना क़ाज़ी आज़म अली सूफ़ी सदर कल हिंद जमीअत अलमशाइख़ , मौलाना सय्यद मसऊद हुसैन मजतहदी रुकन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड , मौलाना महमूद पाशाह कादरी ज़रीन, मौलाना औलिया-ए-हुसैनी और दूसरे शामिल थे।
इस से पहले मौलाना सय्यद अकबर निज़ाम उद्दीन हुसैनी ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए मुतवल्ली की हैसियत से उनकी मुअत्तली को गै़रक़ानूनी और वक़्फ़ क़वाइद की ख़िलाफ़ वरज़ी क़रार दिया।
उन्होंने स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड को चैलेंज किया कि वो उन पर आइद करदा इल्ज़ामात के सिलसिले में किसी भी टी वी चैनल पर मुबाहिस के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड और वक़्फ़ बोर्ड के ला ऑफीसर से भी वो मुबाहिस के लिए तैय्यार हैं। उन्होंने ओक़ाफ़ी जायदादों की फ़रोख़त और हिसाबात पेश ना करने से मुताल्लिक़ इल्ज़ामात को बेबुनियाद क़रार दिया।
उन्होंने कहा कि इंसाफ़ का तक़ाज़ा हैके किसी भी शख़्स के ख़िलाफ़ शिकायत की सूरत में कार्रवाई से पहले उसे नोटिस जारी की जाती है लेकिन स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड ने किसी वजह नुमाई नोटिस के बगै़र ही मुअत्तल करने के अहकामात जारी करदिए।
उन्होंने वज़ाहत की के वक़्फ़ एक्ट के तहत किसी भी मुतवल्ली या इदारे के ख़िलाफ़ इल्ज़ामात की सूरत में कोर्ट आफ़ इन्क्वारी क़ायम की जाती है और इस में इल्ज़ामात साबित होने की सूरत में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से एफ़ आई आर दर्ज करने की इजाज़त हासिल की जानी चाहीए।
मौलाना अकबर निज़ाम उद्दीन ने कहा कि स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड ने तमाम क़वाइद को बालाए ताक़ रखते हुए सज्जाद गान और मुतवल्लियान के ख़िलाफ़ रास्त तौर पर एफ़ आई आर दर्ज कर दिया।
बहैसीयत पुलिस ऑफीसर वो हर शख़्स को मुजरिम के तौर पर देख रहे हैं और पुलिस ऑफीसर की तरह कार्रवाई कर रहे हैं। मौलाना अकबर निज़ाम उद्दीन ने इल्ज़ाम लागया कि स्पेशल ऑफीसर एक मख़सूस मकतब फ़िक्र से ताल्लुक़ रखने वाले इदारों को निशाना बनाने के मक़सद से काम कर रहे हैं और एक रिटायर्ड आई ए एस ओहदेदार के बिशमोल बाज़ ब्लैक मेलरस और ब्रोकर्स इस साज़िश में शामिल हैं।
उन्होंने शेख़ मुहम्मद इक़बाल की कार्यवाईयों को जांबदाराना क़रार देते हुए सवाल किया कि अगर वो ग़ैर जांबदार होते तो वो हाईकोर्ट और वक़्फ़ ट्रब्यूनल में उनके ख़िलाफ़ केवट दाख़िल ना करते