सतलज राहत की ग़ज़ल, “जब हिंदुस्तान बाँटा जा रहा था”

सभी को ज्ञान बाँटा जा रहा था
जब हिंदुस्तान बाँटा जा रहा था

हमें ये मंदिरों मस्जिद दिखा कर
हमारा ध्यान बाँटा जा रहा था

सुख़नवर चापलूसी कर रहे थे
उन्हें सम्मान बाँटा जा रहा था

(सतलज राहत)