कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि हम एग्जिट पोल को सही नहीं मानते। ईवीएम-वीवीपैट के मसले पर कांग्रेस और दूसरे दलों के नेता काम कर रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई हमारे बारे में ये कहे कि विपक्ष अपनी संभावित हार के डर से बौखला गया है। कांग्रेस ने जो प्लान तैयार किया है, उसमें दो बातें हैं।
एक तो कांग्रेस पार्टी की खुद की सीटें और दूसरा, सहयोगी दलों को कितनी सीट मिल पाती हैं। इसके बाद नंबर आता है मित्रों का। यहां सहयोगी और मित्रों के बारे में स्पष्ट कर दें कि सहयोगी का मतलब है जिसके साथ मिलकर चुनाव लड़ा गया है। मित्रों में वे दल आते हैं, जिन्होंने एक साथ चुनाव नहीं लड़ा मगर वे केंद्र में सरकार बनाने के लिए एक-दूसरे को समर्थन दे सकते हैं। जैसे सपा-बसपा गठबंधन यूपीए के मित्रों की श्रेणी में आता है।
कांग्रेस पार्टी मानकर चल रही है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और बिहार सहित कई दूसरे राज्यों के बारे में जो एग्जिट पोल दिखाए जा रहे हैं, वे सच्चाई से दूर हैं। यहां पर कांग्रेस पार्टी और सहयोगी दल बहुत अच्छा परिणाम लाएंगे। कांग्रेस नेता का दावा है कि प्लान ए के बारे में हमने अपने सभी सहयोगियों और मित्रों के साथ बातचीत कर ली है।
इनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया एन.चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव शामिल हैं। इन नेताओं के साथ बातचीत का दूसरा दौर पूरा कर लिया गया है।
यहां पर बता दें कि प्लान बी में यह बात स्पष्ट कर दी गई है, सपा-बसपा का समर्थन केवल उसी स्थिति में किया जाएगा, जब इन दोनों दलों को यूपी में 60 से ज्यादा सीटें मिलें। कांग्रेस पार्टी की ओर से यूपीए के दो नेताओं ने केरल और तेलंगाना के मुख्यमंत्री, जो कि तीसरा मोर्चा खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे बातचीत की है।
दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी के नेता पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान अशोक गहलोत ने भी करीब 17 दलों के नेताओं के साथ व्यक्तिगत तौर पर या टेलीफोन पर बातचीत की है।
बुधवार को शरद यादव, आरजेडी, टीएमसी और दक्षिण भारत की कई पार्टियों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। कांग्रेस ने चंद्रबाबू नायडू और अहमद पटेल को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि 23 मई को सोनिया गांधी के नेतृत्व में होने वाली यूपीए की बैठक में सभी सहयोगी व मित्र दल शामिल हों।