सत्ता पर क़बज़ा के लिए अपोज़ीशन की कोशिशें

सूरजकुंड (हरियाणा) १० नवंबर (पीटीआई) कांग्रेस की सदर सोनीया गांधी ने अपनी पार्टी के क़ाइदीन और कारकुनों को हिदायत की है कि वो आइन्दा लोक सभा इंतिख़ाबात ( चुनाव) के लिए तैयार हो जाएं। उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि अपोज़ीशन जमातें किसी भी क़ीमत पर इक़तिदार ( शासन/सत्ता) पर क़बज़ा करने की कोशिशें कर रही हैं और अपनी पार्टी के कारकुनों पर ज़ोर दिया कि वो अपोज़ीशन के झूटे प्रोपगंडा के ख़िलाफ़ जारिहाना अंदाज़ में जवाब दें।

मिसिज़ सोनीया गांधी ने सूरजकुंड में अपनी पार्टी के सरकरदा क़ाइदीन के इजलास से ख़िताब करते हुए कहा कि आइन्दा पारलीमानी इंतिख़ाबात के लिए अब बमुश्किल 18 महीने बाक़ी रह गए हैं और पार्टी को चाहीए कि वो चैलेंज से निपटने के लिए सख़्त मेहनत-ओ-जाँफ़िशानी के साथ काम करे।

खुले मुबाहिस के लिए मुनाक़िदा इस इजलास में वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के इलावा कांग्रेस के दीगर कई क़ाइदीन जिन में मर्कज़ी वुज़रा और मुख़्तलिफ़ रियास्तों के चीफ़ मिनिस्टर्स भी शामिल हैं। श्रीमती सोनीया गांधी ने जो हुक्मराँ यू पी ए की सदर नशीन भी हैं, अगरचे ये भी कहा है कि हम इंतिहाई दुशवार कुन चैलेंजों का सामना कर रहे हैं।

लेकिन ये भी एक हक़ीक़त है कि हम ने गुज़शता 8 साल के दौरान बेहतरीन कामयाबियां हासिल किए हैं और हमें आम आदमी के मुफ़ाद (फायदे) के लिए अपने अहद-ओ-अज़म पर फ़ख़र है और यही अज़म हमारा भ्रम है। मिसिज़ गांधी ने कहा कि कांग्रेस की ज़ेर-ए-क़ियादत हुकूमत ने ग़ैर मुतवाज़ी क़वानीन और प्रोग्रामों के ज़रीया हिंदूस्तान की सूरत ही बदल दी है।

इन्होंने कहा कि हमारे नाक़िदीन और अपोज़ीशन क़ाइदीन सयासी, अख़लाक़ी और पालिसी के मसाइल पर ग़लत मालूमात और अफ़्वाहें फैलाने की मुहिम चला रहे हैं। हमें इस झूटे प्रोपगंडा का जारिहाना अंदाज़ में जवाब देना चाहीए। हम जानते है कि उनके इस इरादा का असल मक़सद बहर क़ीमत इक़तिदार ( शासन) पर क़बज़ा करना है।

इस हक़ीक़त से क़ता नज़र अपोज़ीशन की हवस इक़तिदार के नतीजा में मुल्क की जमहूरी बुनियादी कमज़ोर हो रही हैं, मुसावात, इक़तिदार-ए-आला और जमहूरी ( सार्वजनिक) इक़्दार बुरी तरह पामाल हो रहे हैं। मिसिज़ सोनीया गांधी ने जो कांग्रेस के सरकरदा क़ाइदीन के एक रोज़ा इजलास से ख़िताब कर रही थीं, आइन्दा इंतेख़ाबात के लिए कांग्रेस को तैयार रहने का मश्वरा दिया।

ये इजलास अपने अमल के एतबार से अपनी नौईयत का पहला है, जिस में कांग्रेस की सरबराह ने पार्टी और हुकूमत के माबैन मयस्सर तबादला-ए-ख़्याल और सुलह मश्वरा का मश्वरा देते हुए कहा कि ये मुज़ाकरात महिज़ इस किस्म के इजलासों तक महिदूद ( सीमित) नहीं होने चाहीए।

सोनीया गांधी ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह की काबिल-ओ-बासलाहीयत क़ियादत की भरपूर सताइश की और कहा कि उन के ज़ेर-ए-क़ियादत हुकूमत मुल्क को आलमी इक़तिसादी बोहरान (आर्थिक संकट) के असरात से बचाने में बड़ी हद तक कामयाब रही हैं जबकि आलमी मआशी बोहरान के नतीजा में हिंदूस्तान से कहीं ज़्यादा तरक़्क़ी याफ़ता ममालिक भी बुरी तरह मुतास्सिर हुए हैं।

ताहम उन्होंने कहा कि हम भी इस के असरात से पूरी तरह महफ़ूज़ तो नहीं हैं और यही वजह है कि इन असरात से बचने के लिए सख़्त फ़ैसले करने की ज़रूरत है, जिस के नतीजा में बाअज़ औक़ात आम आदमी को भी दुशवारीयों का सामना है। वज़ीर-ए-आज़म ने भी कल इजलास में हुकूमत के सख़्त मआशी इस्लाहात की वज़ाहत की थी, लेकिन हुकूमत के फ़ैसलों से दसतबरदारी का कोई इशारा नहीं दिया था।